
Swine Flu in CG: रायपुर और बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू का प्रकोप काफी बढ़ चुका है। चूंकि कबीरधाम जिले के लोग मुख्य रुप से व्यापारी और ईलाज के लिए रायपुर और बिलासपुर ही जाते हैं। ऐसे में वहां का संक्रमण इस ओर न फैल जाए इसका खतरा बना हुआ है।
रोजाना कई दर्जन यात्री वाहन रायपुर और बिलासपुर से आवागमन करते हैं। बिलासपुर लगातार इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। साथ ही मौत के आंकड़े भी तेजी से बढ़ रहे हैं। (Swine Flu in CG) पिछले चार दिन से एक-एक मौत हो रही है। बिलासपुर निवासी महिला को सर्दी, खांसी, बुखार व श्वास लेने में परेशानी होने पर इनका इलाज शुरू हुआ, लेकिन पर राहत न मिलने पर सिस में चेकअप के लिए गए। यहां इन्हें स्वाइन लू की जांच के लिए भेजा गया।
रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस पर इन्हें सिस में ही भर्ती किया गया। इलाज चलता रहा, लेकिन तबीयत में कोई सुधार न हुआ और अंतत: शनिवार को इनकी मौत हो गई। बिलाससपुर जिले में स्वाइन फ्लू पॉजिटिव 9 मरीजों की मौत हो चुकी है। दूसरी ओर इसके नए संक्रमित फिर से मिल हैं। वर्तमान में 46 मरीजों का इलाज चल रहा है। राहत की बात है कि कवर्धा में इसके मरीज नहीं है।
Swine Flu in CG: स्वाइन फ्लू या एच1एन1 इन्फ्लूएंजा, वायरस ने पहली बार वर्ष 2009 में इंसानों को प्रभावित किया था और डब्ल्यूएचओ ने वर्ष 2010 में इसे महामारी घोषित किया था। (Swine Flu in CG) हालांकि विश्व स्तर पर अब लोगों ने इस वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित कर ली है। ऐसे में इस वायरस से अब आसानी से बचाव संभव है। एच1एन1 वायरस अन्य रेगुलर ह्यूमन फ्लू वायरस की ही तरह है जो फ्लू सीजन में लोगों को अधिक प्रभावित करता है।
बिलासपुर में सर्वाधिक आठ लोगों की मौत हुई है, जबकि 108 मरीज मिल चुके हैं। रायपुर में भी 85 मरीज मिल चुके हैं। जांजगीर-चांपा, राजनांदगांव, दुर्ग, बीजापुर, धमतरी, महासमुंद समेत प्रदेशभर से स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं।
वर्तमान में 112 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। वहीं, 13 मरीज होम आइसोलेशन में इलाज करा रहे हैं। राजधानी में स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई के पहले सप्ताह में आया था। (Swine Flu in CG) कांकेर का मरीज निजी अस्पताल में भर्ती था। उसे इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था।
स्वाइन फ्लू एक संक्रमण है, जो एक प्रकार के फ्लू (इन्फ्लूएंजा) वायरस के कारण होता है। इन्फ्लूएंजा से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए मरीजों को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड की जरूरत पड़ती है। (Swine Flu in CG) स्वास्थ्य विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे प्रदेश में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए हैं। जिला अस्पतालों और मेडिकल कालेज में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
Swine Flu in CG: कोविड, वायरल फीवर आदि के लक्षण इंफ्यूएंजा मतलब स्वाइन फ्लू से आपस में काफ ी मिलते-जुलते हैं। इसमें बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, दस्त, खांसी और छींक आने जैसे लक्षण शामिल हैं। फ्लू सीजन में बेसिक हाइजीन का खयाल रखकर और सर्जिकल मास्क पहनकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। डॉक्टर के अनुसार स्वाइन फ्लू के कई मामले गर्मी और मानसून सीजन में बढ़ जाते हैं।
हालांकि इस बीमारी से बचाव के लिए विभिन्न टीकों के साथ ही कई तरह के एंटी वायरल ट्रीटमेंट भी मौजूद हैं। बेहतर यही होगा कि इन दवाओं का सेवन के पूर्व डॉक्टर की सलाह व उनकी देखरेख में करें।
Updated on:
11 Sept 2024 05:35 pm
Published on:
11 Sept 2024 05:34 pm
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