राजनंदगांव

महिला रक्षा अभियान: प्रताड़ना से बचना है तो चुप्पी तोड़ो, सहना छोड़ो, महिलाओं को जागरूक करने बोलीं पद्मश्री फुलबासन

Women protection campaign: यह अभियान अब आदिवासी बाहुल्य मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी ब्लॉक तक पहुंच गया है। महिलाओं को पत्रिका के हेल्प लाइन नंबर की भी जानकारी दी गई।

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Women protection campaign: शहरी क्षेत्र में तो पढ़ी-लिखी महिलाएं प्रताड़ित होने पर कानूनी मदद लेती हैं। प्रताड़ित करने वालों को सबक सिखाती हैं पर ग्रामीण क्षेत्र में जानकारी के अभाव में महिलाएं लगातार शोषण का शिकार हो जाती हैं। ये अपने अधिकार के लिए लड़ाई भी नहीं लड़ पातीं। इसलिए पत्रिका की ओर से हर वर्ग की महिलाओं को जागरूक करने, उन्हें समाज में पूरा सम्मान दिलाने, बराबरी के हक के साथ जीवन जीने की सीख देने के लिए महिला रक्षा कवच अभियान की शुरुआत की गई है।

Women protection campaign: चुप्पी तोड़ो और सहना छोड़ो: पत्रिका अभियान

यह अभियान अब आदिवासी बाहुल्य मानपुर-मोहला-अंबागढ़ चौकी ब्लॉक तक पहुंच गया है। शुक्रवार को पद्मश्री फुलबासन यादव ने मोहला ब्लॉक के ग्राम बांधाटोला में एक कार्यशाला के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकार से वाकिफ कराया और कहा कि चुप्पी तोड़ो और सहना छोड़ो। प्रताड़ना से अगर बचना है तो खुलकर विरोध करना होगा। इस मौके पर रैली निकाली गई। महिलाएं पोस्टर लेकर शामिल हुईं।

आदिवासी बाहुल्य मोहला ब्लॉक में महिला रक्षा अभियान की दस्तक

सरकार तक पहुंचाएंगे बात- पद्मश्री फुलबासन ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को कई तरह की परेशानियों से जूझना पड़ता है। महिलाओं की रक्षा और अधिकार दिलाने के लिए जिला स्तर पर एक कमेटी गठित करने की मांग करते हुए प्रदेश सरकार तक बात पहुंचाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष व मुख्यमंत्री को जिला स्तरीय कमेटी गठन के लिए पत्र सौंपा जाएगा।

पद्मश्री फुलबासन ने कहा कि कानून में महिलाओं को कई अधिकार दिए गए हैं। दहेज के नाम पर प्रताड़ना मिल रही है तो सामाजिक स्तर पर बात रखें, पुलिस के महिला प्रकोष्ठ तक शिकायत करें, सखी सेंटर में जाएं और अपनी पीड़ा बताएं। महिलाओं को पत्रिका के हेल्प लाइन नंबर की भी जानकारी दी गई। शिव देवांगन ने कहा कि वे पत्रिका अखबार पढ़ें ताकि अधिकारों की जानकारी मिल सकें। हक के लिए संघर्ष करने की सीख दी।

नशे में मारपीट

Women protection campaign: फुलबासन ने कहा कि गांव में अक्सर यह गंभीर समस्या देखने को मिलती है कि पति शराब के चक्कर में महिलाओं को मारते-पीटते हैं। कुछ परिवार में यह समस्या है कि महिलाएं रोजी-मजदूरी कर घर चलाती हैं और पति नशे के आदी होने की वजह से पैसे नहीं देने पर पत्नी को प्रताड़ित करते हैं। कहा कि रोज-रोज की प्रताड़ना को सहने की वजह से अपराध को बढ़ावा मिलता है। आगे चलकर यह घातक हो जाता है।

Published on:
01 Mar 2025 10:21 am
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