Patrika Mahila Suraksha: महिलाओं ने बताया कि परिवार के पालन पोषण के लिए मजदूरी भी करनी पड़ती है। ऐसे कार्यस्थलों में महिलाओं से बुरा बर्ताव किया जाता है। मजदूरी देने में भी आनाकानी करते हैं।
Patrika Mahila Suraksha: महिला सुरक्षा को लेकर पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे अभियान से ग्रामीण महिलाएं भी जुड़ रहीं हैं। गांव-गांव में स्व सहायता समूह संचालित करने वाली महिलाएं अभियान की सराहना करने के साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर आवाज उठाने लगी हैं। गांव स्तर पर पंचायतों में अपनी बातों को रखने की तैयारी में हैं।
अभियान के तहत खैरागढ़-गंडई- छुईखदान जिले के ग्राम चिचका में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बैठक की और महिला संबंधित अपराधों के विरुद्ध आवाज उठाने का संकल्प लिया। कहा कि किसी न किसी बात लेकर महिलाएं प्रताड़ित होती रहती हैं। इसलिए जहां से भी शिकायत मिलेगी तो अब मामले को दबाने की बजाए सामने लाया जाएगा ताकि अपराध करने वालों को कड़ी सजा मिल सके।
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि परिवार के पालन पोषण के लिए मजदूरी भी करनी पड़ती है। ऐसे कार्यस्थलों में महिलाओं से बुरा बर्ताव किया जाता है। मजदूरी देने में भी आनाकानी करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ भी मजबूती के साथ आवाज उठाएंगे।
हस्तक्षेप बंद हो
महिलाओं ने यह भी कहा कि पंचायत चुनाव में सरपंच या फिर पंच का चुनाव महिलाएं जीतकर आईं हैं पर पूरा काम पुरुष देखते हैं। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। अगर महिला चुनाव जीतकर आई हैं तो उसे पूरे अधिकार के साथ काम करने देना चाहिए।
शिकायत नहीं करतीं
गांव की कस्तुरी धनकर, किरण बाई, पूर्णिमा साहू, दुर्गा धनकर, मंजू बाई, वीणू सिन्हा, तुलसीबाई ने बताया कि गांव में घरेलू हिंसा के कई मामले हैं पर लोकलाज के भय और परिवार की बदनामी के डर से महिलाएं शिकायत नहीं करती हैं। इसलिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।