
Patrika Mahila Suraksha: छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में महिलाएं कितनी सुरक्षित है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि हर साल कबीरधाम जिले से 300 से अधिक महिलाएं, युवती और बालिकाएं लापता हो जाती है। परिजन इनके गुमशुदगी के रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। मुख्य रुप से इनकी सुरक्षा पर सवाल है।
इसी वर्ष जनवरी और फरवरी में दो माह के दौरान ही 61 महिलाओं के गुमशुदगी की रिपोर्ट जिले के विभिन्न थानोें में दर्ज हुए, जिसमें से 46 को पुलिस ने ढूंढ निकाला या फिर वह घर लौट आयीं, लेकिन 46 की खोजबीन अब भी जारी है। मतलब इनती महिला, युवती या बालिकाएं लापता हैं। बीते वर्ष 2024 की बात करें तो जिले से 389 महिला, युवती और बालिकाओं के गुमशुदा के रिपोर्ट दर्ज हुए। इसमें से 306 तो मिल गए, लेकिन 83 अब भी लापता है।
जिला पुलिस विभाग इसमें गंभीरता से काम कर रही है। लेकिन युवती और बालिकाओं की सुरक्षा पर सवाल उठते हैं कि न जाने उनके साथ किस प्रकार की वारदात हो जाए। क्योंकि ऐसे भी प्रकरण सामने आ चुके हैं जब उन्हें बेच दिया गया। पुलिस ने बमुश्किल उन्हें वहां से छुड़ाया।
हर साल 500 से अधिक लोग लापता हो रहे हैं जिसमें से 70 फीसदी महिला वर्ग होती है। इसमें 15 से 19 वर्ष की बालिका और युवती की संख्या अधिक है। इसके बाद 20 से 24 वर्ष की युवती और महिलाएं लापता होती हैं। 25 वर्ष से अधिक उम्र की शादीशुदा औरतें भी लापता होती हैं। इसमें से 70 प्रतिशत कुछ समय बाद स्वयं या फिर पुलिस इन्हें ढूंढकर घर पहुंचा देती है, लेकिन 30 प्रतिशत बालिका और युवती हर साल लापता रहती हैं।
वर्ष 2020 में महिला वर्ग के गुमशुदा का आकड़ा 211 था, जबकि वर्ष 2024 में यह 389 पर जा पहुंचा, जो चिंता का विषय है। वहीं सबसे बड़ी परेशानी और गंभीर बात है कि लापता होने में युवती और बालिकाएं अधिक हैं। इसे मानव तस्करी से नहीं जोड़ा जा सकता, लेकिन कुछ प्रकरण ऐसे भी आए जब बालिका और युवती को बेच दिया जाता है।
बालिकाओं को कोठे में बेचे जाने के भी प्रकरण सामने आ चुके हैं। साथ ही कई स्थानों पर उन्हें बंधक बनाकर काम कराया जाता है। ऐसे में लापता होने के विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। पुलिस को ऑपरेशन मुस्कान जैसे अभियान को और गंभीरता व तेजी से करने की जरुरत है, ताकि जो अब तक लापता हैं उन्हें भी ढूंढा जा सके।
साल दर जिले में युवक, युवती और महिलाओं के घर से भाग जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। कबीरधाम जिले का अधिकतर स्थान ग्रामीण क्षेत्र है, जिसके चलते यह पिछड़ा हुआ है। जागरुकता के बेहद कमी है। इसके कारण ही हर साल बड़ी संख्या में महिलाएं लापता होती है।
ऐसे अधिकतर मामले देखने में आ रहे हैं कि बालिकाएं प्रेम-प्रसंग के चक्कर में युवक या किसी पुरुष के साथ भाग जाती है। परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ढूंढती है। ढूंढे जाने पर अधिकतर मामलों में परिजनों के दबाव पर नाबालिग बालिका की ओर रिपोर्ट भी दर्ज कराया जाता है कि युवक द्वारा बलात्कार किया गया। इसके चलते युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाता है। चूंकि लड़की नाबालिग होती है इसलिए उसकी रजामंदी को नहीं माना जाता। ऐसे में युवाओं को अधिक जागरुक रहने की आवश्यकता है।
वैसे तो लापता होने के कारण कई कारण है, लेकिन कबीरधाम जिले में लापता होने के प्रमुख रूप से प्रेम प्रसंग ही है। इसके अलावा घरेलू विवाद, ससुराल में मारपीट व प्रताड़ना भी है। बालिका और युवतियों के लापता होने के प्रमुख कारण प्रेम-प्रसंग है। कम उम्र में ही वह गांव के ही युवक के साथ या फिर गुड़ फैक्ट्री, ईंट भट्ठा में काम के दौरान प्रेमी के साथ, ट्रक ड्राइवर या फिर बोरवेल में काम करने वालों के साथ अन्य शहर भाग जाते हैं।
वर्ष गुमशुदा महिला मिले नहीं मिले
2025 61 15 46
2024 389 306 83
2023 327 301 26
2022 332 299 33
2021 272 265 7
2020 211 206 5
कुल 1592 1392 200
Published on:
03 Mar 2025 02:16 pm
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