रामपुर जिले में एक महिला ने पंचायत के सामने अजीबोगरीब प्रस्ताव रख दिया। महिला 10 बार अपने पति के घर से प्रेमी के साथ भाग चुकी है। अब महिला ने जो पंचायत में प्रस्ताव रखा उसने सबको हैरान कर दिया। आइए जानते हैं...।
उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के अजीम नगर थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में खलबली मचा दी है। एक विवाहिता ने गांव की पंचायत में खड़े होकर ऐसा प्रस्ताव रखा, जिसे सुनकर पति, पंचायत सदस्य और गांव वाले सन्न रह गए। महिला ने साफ कहा कि वह महीने के 15 दिन अपने पति के साथ और 15 दिन अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है। यह महिला अब तक 10 बार अपने प्रेमी के साथ भाग चुकी है, और उसका यह विवादित प्रस्ताव अब इलाके में चर्चा का केंद्र बन गया है।
जानकारी के अनुसार, अजीम नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली इस युवती की शादी लगभग डेढ़ साल पहले पड़ोसी गांव के एक युवक से हुई थी। शादी के कुछ महीनों बाद ही उसका टांडा क्षेत्र के एक युवक के साथ प्रेम संबंध शुरू हो गया। इसके बाद से महिला ने पिछले एक साल में 10 बार अपने प्रेमी के साथ भागने की घटना को अंजाम दिया। हर बार पंचायत या पुलिस की मदद से उसे वापस पति के घर लाया गया, लेकिन वह अपने प्रेमी के मायाजाल से निकल नहीं पाई।
हाल ही में, आठ दिन पहले महिला 10वीं बार अपने प्रेमी के साथ भाग गई। परेशान पति ने अजीम नगर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने महिला को प्रेमी के घर से बरामद कर पति के हवाले किया। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि वह पति के घर महज एक रात रुकी और अगली सुबह फिर प्रेमी के पास चली गई।
पति ने अपनी पत्नी को समझाने की आखिरी कोशिश की और प्रेमी के घर पहुंचकर पंचायत बुलाई गई। पंचायत में पति ने हाथ जोड़कर पत्नी से घर लौटने की गुहार लगाई, लेकिन महिला ने सभी को चौंका देने वाला प्रस्ताव रख दिया। उसने कहा, 'मैं दोनों के साथ रहना चाहती हूं। महीने के 15 दिन पति के घर और 15 दिन प्रेमी के घर बिताऊंगी।' इस बयान से पंचायत में सन्नाटा छा गया। निराश पति ने आखिरकार हार मान ली और हाथ जोड़कर कहा, 'मुझे माफ करो, अब तुम अपने प्रेमी के साथ ही रहो।' इसके बाद पति ने पत्नी को प्रेमी के घर छोड़ दिया और खुद घर लौट आया।
महिला का यह अनोखा प्रस्ताव और पति का जवाब अब पूरे रामपुर जिले में चर्चा का विषय बन गया है। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा मामला पहली बार देखा है। आमतौर पर पंचायतें पति-पत्नी के बीच सुलह या अलगाव का रास्ता निकालती हैं, लेकिन इस तरह का '15-15 दिन का फॉर्मूला' अभूतपूर्व है।