Friendship Marriage: आज के दौर में युवाओं की सोच बिल्कुल अलग है। वे न सिर्फ शादी को लेकर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि उसके विकल्प भी तलाश रहे हैं। भारत, चीन या जापान हर जगह युवा पारंपरिक शादी से बचने लगे हैं। कई तो शादी के नाम से ही पीछे हट जाते हैं।
Friendship Marriage: हमारे समाज में शादी को लेकर धारणाएं हमेशा से अलग-अलग रही हैं। किसी के लिए यह जिंदगी का अहम पड़ाव है, तो किसी के लिए एक बोझिल सामाजिक बंधन। कुछ लोग इसे परिवार और वंश को आगे बढ़ाने का जरिया मानते हैं, तो कुछ के लिए यह सिर्फ एक परंपरा है जिसे निभाना जरूरी समझा जाता है। लेकिन समय के साथ शादी की परिभाषा बदल रही है।
आज के दौर में युवाओं की सोच बिल्कुल अलग है। वे न सिर्फ शादी को लेकर सवाल उठा रहे हैं, बल्कि उसके विकल्प भी तलाश रहे हैं। भारत, चीन या जापान हर जगह युवा पारंपरिक शादी से बचने लगे हैं। कई तो शादी के नाम से ही पीछे हट जाते हैं। यही वजह है कि कुछ देशों की सरकारें लोगों को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहन तक देने लगी हैं।खासकर जापान की स्थिति बेहद गंभीर है। वहां का बर्थ रेट 125 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
दरअसल, जापानी युवाओं की सोच में गहरा बदलाव आया है। वहाँ का मानना है कि शादी का मतलब अब ज़रूरी नहीं कि प्यार या शारीरिक रिश्तों से जुड़ा हो। इसी सोच से जन्म हुआ एक अनोखे ट्रेंड का 'फ्रेंडशिप मैरिज'।इस तरह की शादी में कपल्स पति-पत्नी की तरह जरूर रहते हैं, लेकिन न तो उनसे रोमांस की उम्मीद की जाती है और न ही शारीरिक रिश्ते निभाने का दबाव होता है। यह रिश्ता एक तरह का साझेदारी मॉडल है, जहाँ दो लोग समान विचारों, शौक और जीवनशैली के आधार पर साथ आते हैं।
यह सुनकर लगता है मानो लोग अपने सबसे अच्छे दोस्त से शादी कर रहे हों, लेकिन ऐसा नहीं है।लव मैरिज में भावनात्मक जुड़ाव और आकर्षण अहम होते हैं।फ्रेंडशिप मैरिज में रिश्ते की नींव आपसी समझ, जिम्मेदारियों का बंटवारा और सुविधा है।
दोनों पार्टनर्स शादी से पहले बाकायदा बैठकर बातें करते हैं घर के काम कैसे बंटेंगे, खर्च कौन उठाएगा, यहां तक कि फ्रिज की जगह किसे मिलेगी। अगर वे चाहें तो बच्चा पाने के लिए आर्टिफिशियल इन्सेमिनेशन का सहारा लेते हैं।
जापान की ‘कलर्स एजेंसी’ इस तरह की शादियां करवाती है। अब तक लगभग 12 लाख से ज्यादा लोग इसमें दिलचस्पी दिखा चुके हैं और करीब 500 कपल्स की शादी भी हो चुकी है। इनमें से कुछ माता-पिता भी बन चुके हैं।सबसे बड़ी बात यह है कि इस रिश्ते में दोनों को आजादी मिलती है कि अगर चाहें तो शादी के बाहर भी किसी और से रोमांटिक या शारीरिक रिश्ता बना सकते हैं।