रिलेशनशिप

Toxic Relationship Signs: क्या आप ही हैं अपने रिश्ते की सबसे बड़ी दिक्कत? इन 6 बातों से करें पहचान

Toxic Relationship Signs: रिश्ते में जब परेशानियां बढ़ती हैं, तो हम अक्सर सामने वाले को दोष देते हैं। लेकिन कभी-कभी असली वजह हम खुद होते हैं। जरूरत से ज़्यादा ईमानदारी, खुद को बड़ा दिखाना, चुप रहकर गुस्सा जताना, या खुद को बेहतर समझना जैसे व्यवहार रिश्ते को धीरे-धीरे टॉक्सिक बना सकते हैं।

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Jul 27, 2025
toxic relationship signs

Toxic Relationship Signs: किसी भी रिश्ते में जब चीजें बिगड़ने लगती हैं, तो हम सबसे पहले अपने पार्टनर को दोष देने लगते हैं। सामने वाले पर उंगली उठाना आसान होता है। हम अकसर सोचते हैं कि उसने ऐसा किया, उसकी वजह से रिश्ता खराब हो रहा है। लेकिन असली चुनौती तब आती है जब हम खुद से सवाल करते हैं कि कहीं मैं ही तो इस रिश्ते की सबसे बड़ी परेशानी नहीं हूं?

ये सवाल हर किसी को झकझोर सकता है, क्योंकि ज्यादातर लोग खुद को सही मानते हैं। हम मानते हैं कि हम कुछ गलत नहीं करते, और जो भी करते हैं वो ठीक ही होता है। लेकिन रिश्ते को बचाने के लिए सबसे पहले हमें खुद के व्यवहार को समझना और सुधारना जरूरी है। रिलेशनशिप एक्सपर्ट जेफ गुएंथर ने 19 जून को एक पोस्ट में चार ऐसी बातें बताईं जो ये इशारा करती हैं कि हो सकता है रिश्ते में दिक्कत की असली वजह आप ही हों।

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जरूरत से ज्यादा ईमानदारी दिखाना

अगर आप हमेशा ये सोचते है कि आप सच्चे हो तो जरा रुकिए और सोचिए, क्या आप सच में ईमानदारी से बात कर रहे हैं या बिना सोचे-समझे जो मन में आया, वो बोल दिया? कभी-कभी बेझिझक सच बोलना बहादुरी नहीं, बल्कि बदतमीजी बन जाता है। बात वही कहिए, लेकिन सही तरीके से।

हर बार बड़ा इंसान बनने की कोशिश

अगर आप हर बहस से बचने के लिए चुप रहते हैं, अपनी जरूरतें दबा लेते हैं, और हमेशा कहते हैं कोई बात नहीं, तो हो सकता है अंदर ही अंदर आप नाराज़ हो रहे हों। ऐसा करने से धीरे-धीरे आप में गुस्सा और दूरी दोनों बढ़ते हैं, जो रिश्ते को कमजोर करता है।

गुस्से को छुपाकर सब कुछ ठीक दिखाना

कई बार लोग परेशान होते हुए भी बोलते नहीं, बस चुप हो जाते हैं ताकि दूसरा खुद समझे। लेकिन ये एक इमोशनल खेल है। बात को छुपाने के बजाय साफ-साफ कहना ज्यादा बेहतर होता है। रिश्तों में समझ तभी बनती है जब दोनों खुलकर बात करें।

खुद को ज्यादा समझदार समझना

अगर आपको लगता है कि आप अपने पार्टनर से बेहतर हैं, और आप उन पर एहसान कर रहे हैं तो ये सोच ही रिश्ते को बिगाड़ देती है। ऐसा सोचने से रिश्ता बराबरी का नहीं रह जाता और एक दिन टूटने की कगार पर पहुंच जाता है।

हर बात में कंट्रोल करने की कोशिश करना

अगर आपको लगता है कि चीजें आपकी मर्ज़ी से चलनी चाहिए, जैसे कि क्या खाना है, कहां जाना है, किससे मिलना है, तो यह कंट्रोलिंग बिहेवियर हो सकता है। शुरू में ये केयर लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे पार्टनर को घुटन महसूस हो सकती है। किसी भी हेल्दी रिश्ते में बराबरी और आज़ादी जरूरी होती है।

माफी मांगने से बचना या गलती न मानना

अगर आप हमेशा यही सोचते हैं कि गलती आपकी नहीं हो सकती, या मुझे माफी क्यों मांगनी चाहिए? तो ये ईगो रिश्ते के बीच दीवार बन सकता है। माफी मांगना कमजोरी नहीं होती, बल्कि ये दिखाता है कि आप रिश्ते को अहमियत देते हैं और चीजों को ठीक करना चाहते हैं।

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