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Love Marriage Tips: लव मैरिज करने वालों के लिए Premanand Maharaj की 5 जरूरी बातें, जानिए कैसे निभाएं रिश्ता उम्रभर

Love Marriage Tips: लव मैरिज या प्रेम विवाह का फैसला एक रोमांटिक और व्यक्तिगत अनुभव हो सकता है, लेकिन इसे निभाना और सफल बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य भी है।हाल ही में मीडिया पर प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने 5 ऐसी जरूरी बातों पर चर्चा की, जो लव मैरिज करने वालों के लिए खास तौर पर उपयोगी हो सकती हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Jul 26, 2025

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Gurumantra for those who have love marriage-Saint Premananda

Love Marriage Tips: आज की युवा पीढ़ी अपने रिश्तों को लेकर काफी संवेदनशील हो गई है। जहां पहले विवाह में परिवार की पसंद सर्वोपरि मानी जाती थी, वहीं अब लव मैरिज का चलन भी तेजी से बढ़ा है। लोग एक-दूसरे को समझकर, जानकर और महसूस करके जीवनसाथी चुनना पसंद करते हैं। लेकिन प्रेम विवाह सिर्फ भावनाओं से नहीं, समझदारी, संयम और जिम्मेदारी से भी जुड़ा होता है।

प्रेमानंद महाराज, जो जीवन के गहरे आध्यात्मिक और मानसिक पहलुओं को समझने के लिए प्रसिद्ध हैं, अपनी शिक्षाओं के माध्यम से हमेशा यह बताते हैं कि रिश्ते को मजबूत और स्थिर बनाने के लिए क्या महत्वपूर्ण बातें हैं। इस लेख में हम प्रेमानंद महाराज की 5 ऐसी जरूरी बातों पर चर्चा करेंगे, जो लव मैरिज करने वालों के लिए खास तौर पर उपयोगी हो सकती हैं। जानिए, कैसे इन सुझावों को अपनाकर आप अपने रिश्ते को उम्रभर निभा सकते हैं।

संत प्रेमानंद जी महाराज ने प्रेम विवाह को लेकर क्या कहा

संत प्रेमानंद जी महाराज का मानना है कि सिर्फ आकर्षण या भावुकता के आधार पर किया गया रिश्ता लंबे समय तक नहीं टिकता। उन्होंने कुछ ऐसी अहम बातें साझा की हैं, जिन्हें अपनाकर कोई भी कपल अपने रिश्ते को मजबूत और स्थायी बना सकता है।

रिश्ते की नींव बने प्यार, न कि केवल आकर्षण

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, अगर किसी रिश्ते की बुनियाद सिर्फ शारीरिक आकर्षण पर रखी गई है, तो वह ज्यादा समय नहीं टिक पाता। आकर्षण समय के साथ कम हो सकता है, लेकिन सच्चा प्रेम समय के साथ गहराता है। इसलिए रिश्ते में आत्मिक जुड़ाव और परस्पर समझ ज्यादा मायने रखती है।

परिवार की सहमति से मिले रिश्ते को मजबूती

लव मैरिज करने से पहले केवल दिल की नहीं, घरवालों की भी सुनें। प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि शादी केवल दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का मिलन है। रिश्ते को सफल बनाना है तो माता-पिता की सहमति और आशीर्वाद जरूर लें। यह सहमति रिश्ते में स्थायित्व और सामाजिक सम्मान लाती है।

विवाह से पहले रखें मर्यादा और पवित्रता

महाराज जी के अनुसार, विवाह से पहले पवित्रता और मर्यादा का पालन बेहद जरूरी है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में जहां रिश्ते जल्दबाजी में बनते और टूटते हैं, वहां संयम और शुद्धता ही रिश्ते की गहराई को कायम रख सकती है। ब्रह्मचर्य का पालन रिश्ते में आत्मिक मजबूती लाता है।

विश्वास की नींव पर टिकता है मजबूत रिश्ता

एक सफल विवाह की सबसे बड़ी कुंजी है – भरोसा। प्रेमानंद जी युवाओं को यह सलाह देते हैं कि वे अपने जीवनसाथी पर भरोसा रखें। शक और अविश्वास रिश्तों को खोखला कर देते हैं। विश्वास से ही एक-दूसरे का साथ हर अच्छे-बुरे समय में निभाया जा सकता है।

अतीत को पीछे छोड़ें, वर्तमान को अपनाएं

शादी के बाद अतीत के रिश्तों को भूल जाना ही समझदारी है। प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि अतीत को बार-बार याद करके या चर्चा करके वर्तमान को खराब करना सही नहीं है। रिश्ते में नयापन लाने के लिए जरूरी है कि बीती बातों को भुलाकर वर्तमान को खूबसूरत बनाया जाए।