धर्म और अध्यात्म

Kartik Maas 2025 Date : कार्तिक मास कब शुरू होगा, 8 या 9 अक्टूबर से? अपनी उलझन यहां दूर करें

Kartik Maas 2025 Date : कार्तिक मास 2025 की शुरुआत 8 अक्टूबर (बुधवार) से होकर 5 नवंबर (बुधवार) तक रहेगी। इस पवित्र महीने में कार्तिक स्नान, तुलसी पूजा, दीप दान, देवउठनी एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। जानिए इस महीने की पूजा विधि, नियम और धार्मिक महत्व विस्तार से।

2 min read
Oct 07, 2025
Kartik Maas 2025 Date : कार्तिक मास 2025 तिथि: कब शुरू होगा, पूजा विधि, व्रत नियम(फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Kartik Maas 2025 Date : कार्तिक मास कब है? हिंदू धर्म में, कार्तिक मास को सबसे शुभ महीना माना जाता है। इसे भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों का प्रिय महीना कहा जाता है। लेकिन हर साल की तरह, इस बार भी लोग कार्तिक मास की सही तिथि को लेकर असमंजस में हैं।

सनातन धर्म में कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस पूरे महीने में भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। यह महीना आश्विन मास के अंत में शुरू होता है और इस महीने में दिवाली, गोवर्धन पूजा, भैया दूज, देवउठनी एकादशी और देव दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। आइए कार्तिक मास की सही तिथि, इसके महत्व और पंचांग के अनुसार पूजा-अर्चना के बारे में जानें।

ये भी पढ़ें

Karwa Chauth स्पेशल, इंस्टेंट ग्लो के लिए ट्राई करें ये हेल्दी ड्रिंक्स

कार्तिक मास 2025 कब शुरू होगा? (Kartik Mahina Kab se Shuru Hai)

कार्तिक मास बुधवार, 8 अक्टूबर से प्रारंभ होकर बुधवार, 5 नवंबर तक रहेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास आश्विन मास की पूर्णिमा के अगले दिन, अर्थात प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है। चूँकि इस वर्ष 8 अक्टूबर, कार्तिक मास की प्रतिपदा तिथि को है, इसलिए कार्तिक मास उसी दिन से प्रारंभ माना जाएगा।

कार्तिक मास पूजा विधि और नियम (Kartik Snan and Deep Daan significance)

कार्तिक मास में कुछ नियमों का पालन करते हुए पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:

पूजा विधि

प्रातः स्नान: प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए, जिसे कार्तिक स्नान भी कहा जाता है। यदि किसी पवित्र नदी में स्नान करना संभव न हो, तो घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।

भगवान विष्णु की पूजा: स्नान के बाद, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु/श्रीकृष्ण की पूजा करें। उन्हें तुलसी के पत्ते, पीले फूल, चंदन का लेप और नैवेद्य अर्पित करें। इस माह में दामोदर अष्टकम का पाठ और श्री हरि मंत्र का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है।

तुलसी पूजन: प्रतिदिन सुबह और शाम तुलसी के पौधे की पूजा करें और शाम को घी का दीपक जलाएँ। तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाएँ और उसकी परिक्रमा करें।

दीपक जलाना: मंदिरों, पवित्र नदियों या अपने घर के आँगन में दीपक अवश्य जलाएँ। तुलसी के पौधों के पास और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना विशेष रूप से शुभ होता है।

कार्तिक माह के नियम

ब्रह्मचर्य का पालन: इस पूरे माह ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

सात्विक आहार: कार्तिक माह में सात्विक भोजन करना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांस और तामसिक भोजन से परहेज करें। बैंगन, जीरा, सरसों आदि का सेवन न करें।

दान का महत्व: इस माह में अपनी क्षमतानुसार दान-पुण्य करें। अन्न, गाय और वस्त्र का दान अत्यंत लाभकारी होता है।

भूमि पर शयन: कुछ लोग इस माह में भूमि पर शयन करते हैं, जो आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम माना जाता है।

कार्तिक मास जीवन के चार पुरुषार्थों: धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति कराने वाला माना जाता है। अतः इस मास के नियमों का श्रद्धापूर्वक पालन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

ये भी पढ़ें

Aaj ka Tarot Rashifal, 7 October 2025 : आज का टैरो राशिफल: करियर में नए मौके, रिलेशनशिप में उतार-चढ़ाव – जानें 12 राशियों का पूरा भविष्यफल

Published on:
07 Oct 2025 02:23 pm
Also Read
View All

अगली खबर