धर्म और अध्यात्म

Pitru Paksha 2025: घर पर पिंडदान करने की विधि, पूजा सामग्री आदि

Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष के दौरान हर कोई गया, गंगोत्री, हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर जाकर पिंडदान करता है।लेकिन अगर किसी कारणवश आप धार्मिक स्थलों पर नहीं जा सकते, तो घर पर रहकर भी पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके लिए कुछ विशेषनियमों, विधियों और सामग्री का ध्यान रखना जरूरी होता है।

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Sep 08, 2025
Pitru Paksha rituals at home|फोटो सोर्स – Freepik

Pitru Paksha Tarpan: श्राद्ध पक्ष या पितृ पक्ष को हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान दिया गया है। इस समय लोग अपने पितरों की पूजा या कृतज्ञता अर्पित करते हैं, जिससे पितरों का आशीर्वाद सदैव परिवार पर बना रहे। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान हर कोई गया, गंगोत्री, हरिद्वार जैसे धार्मिक स्थलों पर जाकर पिंडदान करता है।लेकिन अगर किसी कारणवश आप धार्मिक स्थलों पर नहीं जा सकते, तो घर पर रहकर भी पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके लिए कुछ विशेष नियमों, विधियों और सामग्री का ध्यान रखना जरूरी होता है। इस लेख में घर पर विधिपूर्वक पिंडदान करने की विधि बताई गई है, जिससे पूजा सही तरीके से संपन्न हो सके।

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Pitru Paksha puja samagri: पिंडदान के लिए जरूरी सामग्री

पिंडदान करते समय कुछ विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इसमें सफेद फूल, दूध, गंगाजल, शहद, सफेद वस्त्र, अभिजीत मुहूर्त और तिल को खास माना गया है। ये सभी चीज़ें श्रद्धा के साथ पूर्वजों को अर्पित की जाती हैं।

Pitru Paksha Puja Vidhi: घर पर कैसे करें विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण

अगर आप किसी धार्मिक स्थल पर नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर भी पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। इसके लिए शुद्धता, सही समय और सही विधि का पालन करना जरूरी होता है।

श्राद्ध का सही समय

श्राद्ध करने का उचित समय सूर्योदय के बाद होता है। जब आप स्नान कर लें, तब ही तर्पण करें। यही वह समय होता है जब पितरों का ध्यान और तर्पण करना श्रेष्ठ माना गया है।

पूजा की तैयारी और शुद्धिकरण विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और घर की अच्छे से सफाई करें। इसके बाद गंगाजल और गौमूत्र का घर में छिड़काव करें, जिससे वातावरण पवित्र हो जाता है। श्राद्ध करने वाला व्यक्ति दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठे और बायां पैर मोड़कर ज़मीन से टिकाना चाहिए।

तर्पण कैसे करें

एक चौड़े तांबे के पात्र में काले तिल, गंगाजल, कच्चा गाय का दूध और साफ जल मिलाएं। इस जल को अपनी हथेली में लेकर दाहिने हाथ के अंगूठे से धीरे-धीरे उसी पात्र में गिराएं। इस क्रिया को 11 बार दोहराएं और हर बार पितरों का स्मरण करें।

ब्राह्मण भोज की विधि

घर के आंगन में शुभता के लिए रंगोली बनाएं। महिलाएं स्नान करके पवित्र मन से भोजन तैयार करें। किसी योग्य ब्राह्मण को आमंत्रित करें और उन्हें श्रद्धापूर्वक भोजन कराएं। भोजन से पहले पत्नी को पति के दाहिनी ओर खड़े होकर ब्राह्मण के चरण धोने चाहिए।

विशेष अर्पण का महत्व

अग्नि में गाय के दूध से बनी खीर अर्पित करना शुभ माना जाता है। साथ ही, भोजन से पहले पंचबलि—गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटियों के लिए भोजन अलग निकालना जरूरी होता है। फिर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कुश, जौ, तिल, चावल और जल से संकल्प करें और ब्राह्मण को भोजन परोसें।

दान और आशीर्वाद प्राप्त करें

ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराकर उन्हें अपनी क्षमता अनुसार दक्षिणा दें। शास्त्रों में गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, अनाज, गुड़, चांदी और नमक का दान विशेष पुण्यदायक माना गया है। भोजन के बाद ब्राह्मण की चार बार परिक्रमा करें और उनका आशीर्वाद लें।

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Updated on:
08 Sept 2025 11:37 am
Published on:
08 Sept 2025 11:35 am
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