Maa Skandmata Mantra Aarti, Navratri Day 5: मां स्कंदमाता को चार भुजाओं वाली देवी माना जाता है, जो शेर की सवारी करती हैं। देवी दुर्गा के नौ रूपों में से मां स्कंदमाता की पूजा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक पूजा के अंत में उनकी आरती न की जाए।
Maa Skandmata Mantra Aarti In Hindi: नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा का विशेष विधान है। हिंदू धर्म के अनुसार, इस पावन स्वरूप की विधिपूर्वक पूजा करने से व्यक्ति के सभी दुख और भय समाप्त हो जाते हैं, और वह निर्भय होकर सुख-शांति से जीवन व्यतीत करता है। मां स्कंदमाता को चार भुजाओं वाली देवी माना जाता है, जो शेर की सवारी करती हैं। देवी दुर्गा के नौ रूपों में से मां स्कंदमाता की पूजा तब तक पूर्ण नहीं मानी जाती जब तक पूजा के अंत में उनकी आरती न की जाए। आइए, अब पढ़ते हैं मां स्कंदमाता की आरती।
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सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कन्दमातायै नमः.
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
जय तेरी हो स्कंद माता
पांचवां नाम तुम्हारा आता
सबके मन की जानन हारी
जग जननी सबकी महतारी
तेरी जोत जलाता रहू मैं
हरदम तुझे ध्याता रहू मै
कई नामों से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा
कही पहाडो पर है डेरा
कई शहरों में तेरा बसेरा
हर मंदिर में तेरे नजारे
गुण गाए तेरे भक्त प्यारे
भक्ति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो
इंद्र आदि देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए
तू ही खंडा हाथ उठाए
दासों को सदा बचाने आयी
भक्त की आस पुजाने आयी