Saharanpur News: सहारनपुर में आयोजित एक सार्वजनिक सभा के दौरान सपा सांसद इकरा हसन भावुक हो गईं, जब उन्होंने अपने और परिवार के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों का दर्द साझा किया।
Iqra hasan called terrorist public meeting saharanpur: मुजफ्फरनगर की कैराना सीट से सपा सांसद इकरा हसन ने सहारनपुर की एक सार्वजनिक सभा में अपने ऊपर की गई अभद्र टिप्पणियों का दर्द सबके सामने बयां किया। उन्होंने कहा कि उन्हें और उनके परिवार को अपशब्दों से निशाना बनाया गया। मंच से बोलते हुए इकरा की आंखें भर आईं और उन्होंने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन किसी महिला के सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
इकरा हसन ने बिना नाम लिए पूर्व सांसद प्रदीप कुमार और उनके समर्थकों पर अभद्रता करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उन्हें खुलेआम “मुल्ली” और “आतंकवादी” जैसे शब्दों से पुकारा गया। इतना ही नहीं, उनके भाई विधायक नाहिद हसन और दिवंगत पिता मन्नव्वर हसन को भी निशाना बनाया गया। इकरा ने कहा कि यह सिर्फ राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश है, जो समाज को बांटने की कोशिश कर रही है।
सांसद इकरा हसन ने भावुक स्वर में कहा कि यह मामला केवल एक पार्टी या परिवार का नहीं, बल्कि महिला के सम्मान का है। उन्होंने कहा कि एक महिला को अपमानित कर राजनीति करना बेहद शर्मनाक है और समाज में गलत संदेश देता है। इकरा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सियासत करने वाले लोग अब व्यक्तिगत हमले पर उतर आए हैं।
इकरा के भाषण के दौरान सभा में मौजूद लोगों ने उनके समर्थन में नारे लगाए। सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं और युवाओं ने एकजुटता दिखाते हुए कहा कि किसी भी महिला नेता के साथ ऐसी भाषा का प्रयोग अस्वीकार्य है। सभा में ‘इकरा हसन जिंदाबाद’ और ‘महिला सम्मान अमर रहे’ के नारे गूंज उठे।
इकरा हसन ने इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगी। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इकरा ने कहा कि अगर इस तरह की भाषा और व्यवहार को रोकने के लिए सख्त कदम नहीं उठाए गए तो लोकतंत्र की साख पर बुरा असर पड़ेगा।
इकरा हसन के इस भावनात्मक बयान के बाद पश्चिमी यूपी की राजनीति में हलचल मच गई है। सपा कार्यकर्ता जहां उनके समर्थन में उतर आए हैं, वहीं विपक्षी दलों में भी इस मुद्दे पर बयानबाज़ी शुरू हो गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला आने वाले चुनावी माहौल में बड़ा मुद्दा बन सकता है।