Saharanpur News: लखनऊ-सहारनपुर से दिल्ली ब्लास्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी डॉक्टर अदील का भाई मुजफ्फर दुबई से पूरे मॉड्यूल को संचालित कर रहा था, जबकि उसके नेटवर्क में शामिल लखनऊ, कानपुर और फरीदाबाद के डॉक्टर नाइट शिफ्ट और मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में साजिश को अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे।
Terror doctor module up dubai link adil: दिल्ली ब्लास्ट के बाद उत्तर प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है। जांच में अब तक पांच डॉक्टरों की गिरफ्तारी हो चुकी है और नेटवर्क को लेकर नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर अदील अहमद राथर से पूछताछ में पता चला कि उसका बड़ा भाई डॉ. मुजफ्फर राथर, जो पेशे से साइकेट्रिस्ट है, दुबई से आतंकी मॉड्यूल को पिछले पांच साल से चला रहा था। विदेशी लिंक के जरिए वह नेटवर्क को फंडिंग करता था और ऑपरेशंस की रणनीति बनवाता था।
जांच में सामने आया कि डॉ. मुजफ्फर अफगानिस्तान में बैठे पाकिस्तानी हैंडलरों और आतंकी मॉड्यूल के बीच मुख्य संपर्क बिंदु था। बताया जा रहा है कि पिछले तीन साल से डॉक्टरों का यह नेटवर्क खतरनाक रॉ मैटीरियल इकट्ठा कर रहा था। फंडिंग, विदेशी यात्राओं की प्लानिंग, टिकट बुकिंग और अन्य खर्चे मुजफ्फर ही संभालता था। उसकी भूमिका इतने बड़े स्तर की पाई गई कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है।
लखनऊ का डॉक्टर परवेज, जो इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में सीनियर रेजिडेंट था, साजिश को छिपाने के लिए लगातार नाइट शिफ्ट करता था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि उसने 2021 में जॉइन किया था और शुरुआती एक साल लगभग हर रात ड्यूटी करता था। गिरफ्तारी की आशंका के चलते उसने इस्तीफा देकर खुद को छुपाने की कोशिश की, लेकिन एटीएस ने दिल्ली ब्लास्ट के अगले ही दिन लखनऊ में उसके घर पर छापा मारकर उसे पकड़ लिया।
इस पूरी साजिश का खुलासा तब शुरू हुआ जब 17 अक्टूबर को नौगाम इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाए गए। CCTV की मदद से आरोपी पकड़े गए और पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये पोस्टर मौलवी इरफान और आतंकी डॉक्टर अदील के निर्देश पर लगाए गए थे। इसके बाद श्रीनगर पुलिस और यूपी एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में अदील को 6 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में अदील ने बताया कि उसके साथ फरीदाबाद के डॉक्टर मुजम्मिल अहमद गनाई उर्फ मुसाइब, उसकी गर्लफ्रेंड शाहीन और डॉक्टर उमर शामिल थे। अदील ने AK-56 की जानकारी दी, जिसे पुलिस ने अनंतनाग मेडिकल कॉलेज के लॉकर से बरामद कर लिया। इसके बाद मुजम्मिल और शाहीन दोनों को गिरफ्तार किया गया और शाहीन के पास से AK-47 मिली।
अदील की गिरफ्तारी के बाद परवेज सबसे ज्यादा चिंतित हुआ। उसने इंटीग्रल यूनिवर्सिटी से 7 नवंबर को ई-मेल के जरिए इस्तीफा भेजा और किसी दूसरे कॉलेज में चयन का कारण बताया, लेकिन वह कहीं जॉइन नहीं हुआ। जैसे ही सुरक्षा एजेंसियों को शक हुआ, ATS ने उसके घर पर छापा मारकर उसे हिरासत में ले लिया।
आरिफ, जो कानपुर मेडिकल कॉलेज में कार्डियोलॉजी में डीएम कर रहा था, रात की इमरजेंसी शिफ्ट के बाद घर लौटते समय एटीएस के हत्थे चढ़ गया। वहीं, फारूख हापुर के जीएस मेडिकल कॉलेज में गायनाकोलॉजिस्ट था। उसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MD किया था, जहां शाहीन उसकी प्रोफेसर रह चुकी थी। दोनों की गिरफ्तारी ने इस पूरे नेटवर्क को उजागर कर दिया।