सहारनपुर

Delhi Blast: 5 लाख सैलरी, एक महीने पहले शादी… सहारनपुर में अकेला रहता था आतंकी डॉ. आदिल, जानें जैश से कनेक्शन

Delhi Blast Connection: सहारनपुर में गिरफ्तार आतंकी डॉ. अदील अहमद के मामले ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। 5 लाख रुपये सैलरी पाने वाला यह डॉक्टर जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा निकला। जांच में पता चला कि वह सहारनपुर में अकेला रहता था और उससे मिलने आठ लोग नियमित आते-जाते थे।

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Nov 12, 2025
Delhi Blast: 5 लाख सैलरी, एक महीने पहले शादी... Image Source - 'X' @IANS

Terrorist doctor adil saharanpur delhi blast connection: सहारनपुर से गिरफ्तार आतंकी डॉक्टर आदिल अहमद और उसके साथियों की साजिश ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े इन आतंकियों का मकसद वेस्ट यूपी और दिल्ली के इलाकों में बड़ी वारदात को अंजाम देना था। जांच में सामने आया है कि डॉ. आदिल के किराए के घर पर रात में आठ लोग आते-जाते थे। फिलहाल, एजेंसियां इन सभी की पहचान में जुटी हैं, जबकि उसके सात डॉक्टर दोस्तों से पूछताछ चल रही है।

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कश्मीर से शुरू हुआ आतंकी सफर

डॉ. आदिल मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले के वानपुरा का रहने वाला है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के बाद उसने अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम शुरू किया। 2024 में उसने इस्तीफा देकर सहारनपुर का रुख किया और वहां विभिन्न अस्पतालों में डॉक्टर के तौर पर कार्यरत रहा।

5 लाख सैलरी पर सहारनपुर में नौकरी

आदिल ने सहारनपुर में वी-ब्रास (आस्कर हॉस्पिटल) में काम किया, जहां उसकी मुलाकात डॉ. अंकुर चौधरी से हुई। अंकुर ने उसकी पहचान फेमस मेडिकेयर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. मनोज मिश्रा से कराई। यहां उसकी सैलरी 5 लाख रुपये तय हुई। सबकुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन अंदर ही अंदर आदिल जैश के संपर्क में रहकर आतंकी गतिविधियों में शामिल था।

शादी के 27 दिन बाद गिरफ्तारी

4 अक्टूबर को डॉ. आदिल की शादी जम्मू-कश्मीर में रुकैया नाम की सर्जन से हुई। उसने अपने कुछ मुस्लिम सहयोगी डॉक्टरों को बुलाया, लेकिन डायरेक्टर डॉ. मिश्रा को नहीं। शादी के 27 दिन बाद, यानी 6 नवंबर को यूपी एटीएस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

कश्मीर में हुआ ब्रेनवॉश, इरफान और जमीर ने जोड़ा जैश से

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान आदिल की मुलाकात मौलवी इरफान अहमद से हुई, जो जैश-ए-मोहम्मद का ग्राउंड नेटवर्क ऑपरेटर था। इरफान ने ही उसे गांदरबल निवासी जमीर अहमद अहंगर से मिलवाया, जिसने उसका ब्रेनवॉश किया और आतंकी ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान से जोड़ दिया।

पोस्टर कांड से खुला राज

17 अक्टूबर को श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाने की घटना ने पुलिस को सतर्क किया। CCTV से मिले सबूतों के आधार पर गिरफ्तार आरोपियों ने कबूला कि यह सब मौलवी इरफान और डॉ. आदिल के इशारे पर हुआ। इस इनपुट के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी एटीएस की मदद से 6 नवंबर को आदिल को गिरफ्तार किया।

डॉ. मुजम्मिल और शाहीन का नाम कबूला

पूछताछ में डॉ. आदिल ने बताया कि उसके नेटवर्क में डॉ. मुजम्मिल अहमद गनाई, उसकी गर्लफ्रेंड डॉ. शाहीन और डॉ. उमर शामिल हैं। मुजम्मिल फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर था। छापेमारी में पुलिस को वहां से विस्फोटक, डेटोनेटर और हथियारों का जखीरा मिला। शाहीन से AK-47 राइफल बरामद हुई।

दिल्ली ब्लास्ट का मास्टरमाइंड निकला उमर

डॉ. उमर, जो फरीदाबाद से फरार हुआ था, दिल्ली पहुंचकर लाल किला के पास कार ब्लास्ट का जिम्मेदार पाया गया। जांच में खुलासा हुआ कि विस्फोट में वही अमोनियम नाइट्रेट इस्तेमाल हुआ जो डॉ. मुजम्मिल के घर से मिला था।

शाहीन बनी महिला आतंकी विंग की चीफ

डॉ. शाहीन, जो पहले कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर थी, तलाक के बाद लापता हो गई थी। बाद में वह जैश की महिला विंग ‘जमात-उल-मोमिनात’ की चीफ बन गई। वह भारत में महिला आतंक ब्रिगेड तैयार कर रही थी और सोशल मीडिया के जरिए युवतियों को ब्रेनवॉश कर रही थी।

एजेंसियां कर रहीं हाई-प्रोफाइल जांच

ATS और NIA की संयुक्त टीम इस पूरे ‘आतंकी डॉक्टर नेटवर्क’ की तह तक पहुंचने में जुटी है। जांच का फोकस अब इन डॉक्टरों के आर्थिक स्रोतों, विदेशी कनेक्शनों और अस्पतालों के संपर्कों पर है।

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