Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में फर्जी सिपाही बनकर वसूली और धोखाधड़ी करने वाले सलमान उर्फ मुबारक अली को गिरफ्तार किया गया है। लाल-नीली बत्ती, हूटर और पुलिस टोपी के साथ घूमने वाला यह शातिर न सिर्फ अवैध वसूली करता था, बल्कि पांच युवतियों से फरेबी निकाह भी कर चुका है।
Fake police officer arrest in Sambhal: यूपी की संभल पुलिस ने एक बार फिर फर्जी सिपाही सलमान उर्फ मुबारक अली को गिरफ्तार किया है। यह वही व्यक्ति है जो SOG का मुखबिर रह चुका है और धीरे-धीरे पुलिस वर्दी और रुतबे का ऐसा शौकीन बना कि फर्जी सिपाही बनकर इलाके में वसूली और धमक जमाने लगा। लाल-नीली बत्ती, हूटर और पुलिस वाली टोपी के साथ वह खुद को असली पुलिसकर्मी साबित करता था।
आरोपित सलमान उर्फ मुबारक अली की कहानी यहीं नहीं शुरू हुई। वह पहले पुलिस की SOG टीम का मुखबिर था, जिसके कारण उसका पुलिस कर्मियों के साथ उठना-बैठना था। इसी बीच उसे वर्दी पहनने और पुलिसिया रुतबे का जुनून चढ़ गया। उसने अपनी नकली वर्दी बनाई, जानकारी जुटाई और फिर अवैध वसूली का खेल शुरू कर दिया।
यह मामला सिर्फ वसूली तक सीमित नहीं रहा। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपित ने पांच युवतियों से निकाह किया है। पहली शादी शहबाजपुर कला निवासी जमील की बेटी से की थी, जिसे भी उसने खुद को सिपाही बताया था। पूछताछ में चार और निकाह की जानकारी मिली है। सभी महिलाएं अलग-अलग जगहों पर रहती हैं।
यह पहली बार नहीं है जब सलमान पकड़ा गया हो। इससे पहले सितंबर 2024 में संभल कोतवाली क्षेत्र में फर्जी सिपाही बनकर वसूली करने के आरोप में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। वह जेल भी गया, लेकिन बाहर आते ही उसने दोबारा वही काम शुरू कर दिया। अलग-अलग टोल प्लाजा और गांवों में रुतबा दिखाकर वसूली करता रहा।
पुलिस ने बताया कि आरोपी अपनी कार में लाल-नीली बत्ती और हूटर लगाकर घूमता था। कार के आगे टोपी रखकर रुतबा दिखाता था, ताकि लोग उसे असली पुलिसकर्मी समझें। रविवार को पकड़े जाने के बाद उसका चालान कर दिया गया है। कार को सीज कर लिया गया है और पुलिस टोपी भी बरामद कर चुकी है।
सलमान का मामला नया नहीं है। छह नवंबर को चौधरी सराय पुलिस चौकी ने एक और फर्जी सिपाही विष्णु को गिरफ्तार किया था, जो कबाड़ व्यापारी से वसूली कर रहा था। उसके पास से टायगन गन भी बरामद हुई थी और उसने खुद को सिपाही बताकर अमरोहा की महिला सफाईकर्मी से प्रेम विवाह किया था। इससे संकेत मिलता है कि क्षेत्र में फर्जी पुलिसकर्मियों का एक संगठित नेटवर्क सक्रिय हो सकता है।
सीओ असमोली कुलदीप सिंह के अनुसार, आरोपित की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। बताया गया कि वह पांच-छह साल पहले पुलिस मुखबिरी करता था, लेकिन लंबे समय से पुलिस के संपर्क में नहीं था। अब उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जा रही है और उसके सभी निकाह तथा वसूली के मामलों की पुष्टि की जा रही है।