Sambhal News: संभल में मां कैलादेवी धाम के महंत ऋषिराज गिरि की प्रस्तावित पदयात्रा को लेकर तनाव बढ़ गया है। हजारों समर्थकों की भीड़ के बीच पुलिस बैरिकेडिंग पर विवाद हुआ, जहां महंत ने इंस्पेक्टर पर नाराजगी जताते हुए परकोटे की परिक्रमा पर अड़े रहने की घोषणा की।
Harihar temple procession controversy Sambhal: संभल जिले में मां कैलादेवी धाम के महंत ऋषिराज गिरि की प्रस्तावित पदयात्रा को लेकर माहौल तनावपूर्ण हो गया है। महंत थोड़ी देर में धाम परिसर से यात्रा शुरू करने वाले हैं, लेकिन इससे पहले ही मंदिर क्षेत्र में हजारों लोगों की भीड़ जमा हो चुकी है। समर्थक ट्रैक्टर-ट्रॉली, डीसीएम और निजी वाहनों से लगातार पहुंच रहे हैं, जिससे पूरा इलाका भीड़ और उत्साह से भर गया है।
तनाव तब बढ़ गया जब पुलिस ने मंदिर परिसर के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ का प्रवेश रोका। महंत ऋषिराज गिरि अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और बैरिकेडिंग हटाने की मांग की। पुलिस द्वारा मना करने पर महंत इंस्पेक्टर पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि बैरिकेडिंग हटाओ, हमारे लोग अंदर आएंगे। हरिहर मंदिर परकोटे की परिक्रमा होकर रहेगी। समर्थकों ने भी बैरिकेडिंग हटाने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने रोक दिया।
महंत ऋषिराज गिरि के अनुसार, पदयात्रा मां कैलादेवी धाम से शुरू होकर लगभग 22 किलोमीटर दूर विवादित स्थल तक जाएगी, जहां हरिहर मंदिर परकोटे की परिक्रमा प्रस्तावित है। हालांकि, इस यात्रा को पुलिस प्रशासन ने औपचारिक अनुमति नहीं दी है। बावजूद इसके महंत ने ऐलान किया है कि यात्रा किसी भी परिस्थिति में निकाली जाएगी।
यात्रा रोकने के लिए पुलिस ने संभल में कई जगहों पर बैरिकेडिंग, पिकेटिंग और सुरक्षा बंदोबस्त किए हैं। RAF और PAC के 200 से अधिक जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा 8 थानों की पुलिस, 4 सीओ और स्थानीय प्रशासन की टीमें भी सक्रिय हैं। सुरक्षा के लिए 400 CCTV कैमरों और ड्रोन से इलाके की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है।
तीन दिन पहले महंत ऋषिराज गिरि ने हरिहर मंदिर परकोटे की पदयात्रा का ऐलान किया था, जिसके बाद जामा मस्जिद की इंतेजामिया कमेटी के पक्षकार और सदर जफर अली ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उनका कहना है कि इस तरह की परिक्रमा की कोई परंपरा कभी नहीं रही। उन्होंने आरोप लगाया कि इसे शुरू करना गलत है और इससे अनावश्यक तनाव पैदा होगा।
आज ही के दिन पिछले साल हिंदू संगठनों द्वारा जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट के आदेश पर उसी दिन शाम को कमिश्नर सर्वे हुआ था। इसके बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी। उसी पृष्ठभूमि में आज की पदयात्रा को लेकर प्रशासन ज्यादा सतर्क है।
महंत ऋषिराज गिरि ने दावा किया कि मस्जिद कमेटी का कोई वैध अस्तित्व नहीं है और संरक्षित इमारत में कमेटी बन ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि प्रशासन हमारी बात मानेगा। परकोटे की परिक्रमा हम करके रहेंगे। महंत के इस बयान के बाद माहौल और अधिक गर्मा गया है।
असमोली के CO कुलदीप ने कहा कि यात्रा को फिलहाल रोका नहीं गया है और स्थिति सामान्य है। उनके अनुसार, सुरक्षा के तौर पर पुलिस तैनात की गई है और जरूरत पड़ने पर महंत से बातचीत भी की जाएगी। वहीं संभल के ASP ने बताया कि पुलिस दोनों पक्षों से बात कर रही है और शहर तथा चंदौसी में अलग-अलग फोर्स की तैनाती की गई है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।