Sambhal News: संभल हिंसा के आरोपी और शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट ने 2027 विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है। रिहाई के 77वें दिन किए गए इस ऐलान में उन्होंने कहा कि यह निर्णय जनता के दबाव में लिया गया है।
Zafar Ali to contest assembly election 2027 announcement: संभल हिंसा मामले में आरोपी और शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट ने गुरुवार देर रात 2027 के विधानसभा चुनाव में उतरने की औपचारिक घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन्होंने किसी राजनीतिक स्वार्थ से नहीं बल्कि जनता के भारी दबाव और उम्मीदों को देखते हुए लिया है।
जफर अली ने बताया कि कई राजनीतिक पार्टियों से उनकी बातचीत चल रही है, लेकिन यदि किसी भी दल ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वे जनता की इच्छा पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जफर अली को 1 अगस्त को मुरादाबाद जेल से 131 दिन बाद रिहा किया गया था। ठीक उनकी रिहाई के 77वें दिन यह बड़ा राजनीतिक ऐलान सामने आया।
एक मीडिया चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा, “जनता अब बदलाव चाहती है। शहर से लेकर गांव तक लोगों का कहना है कि उनके मुद्दों को केवल मैं ही समझ सकता हूं। यही कारण है कि सब मुझे चुनाव लड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं।”
जफर अली ने मौजूदा राजनीतिक नेताओं, धार्मिक गुरुओं, इमामों और मौलवियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि संभल हिंसा के दौरान जनता अकेली रह गई थी, किसी ने सामने आकर लोगों की आवाज नहीं उठाई।
उन्होंने कहा कि जब लोगों पर अन्याय हो रहा था, तब कोई आगे नहीं आया। अब जनता वही गलती दोहराना नहीं चाहती। इसलिए इस बार वह खुद अपना उम्मीदवार तय कर रही है।
जफर अली ने दावा किया कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक जनता ने उन्हें रिकॉर्ड मतों से जिताने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि चाहे पार्टी का टिकट मिले या न मिले, वे हर हाल में चुनाव लड़ेंगे।
सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल द्वारा चुनाव लड़ने के ऐलान पर जफर अली ने कहा, “उन्होंने यह नहीं बताया कि वे किस पार्टी से लड़ेंगे। जैसे उन्होंने घोषणा की, वैसे ही मैंने भी कर दी है - फर्क बस इतना है कि मैं जनता की आवाज बनकर मैदान में उतरूंगा।