Bus in Tiger Reserve: वन अधिकारियों ने बताया कि विभाग की मंशा गणेश धाम से जोगी महल गेट तक सवारी सिस्टम के आधार पर इन बसों का संचालन शुरू करने की है। इससे पेट्रोल और डीजल के वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।
सवाईमाधोपुर। प्रदेश के टाइगर रिजर्व क्षेत्र स्थित धार्मिक स्थलों पर आने-जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा और वन क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। धार्मिक स्थलों पर सरकार मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए ई-बसों का संचालन शुरू करने की तैयारी कर रही है।
इसके लिए पहले चरण में प्रदेश के दो टाइगर रिजर्व में इस प्रकार की व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसमें रणथम्भौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर और अलवर के सरिस्का स्थित पाण्डुपोल मंदिर शामिल है।
वन अधिकारियों ने बताया कि विभाग की मंशा गणेश धाम से जोगी महल गेट तक सवारी सिस्टम के आधार पर इन बसों का संचालन शुरू करने की है। इससे पेट्रोल और डीजल के वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से 80 बसें खरीदी जा रही हैं। इनमें से 40 बसों का संचालन त्रिनेत्र गणेश मंदिर तक और 40 बसों का संचालन सरिस्का के पाण्डुपोल मंदिर तक किए जाने की योजना है। इनके संचालन का जिम्मा राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम को सौंपा है।
बसों के रखरखाव के लिए सरकार ने निजी फर्म के साथ करार किया है। रणथम्भौर में इन बसों का संचालन गणेश धाम से जोगीमहल तक करने की योजना है। हालांकि पूर्व में भी एक बार इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनी थी, लेकिन यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी।