Birsa Munda Medical College : बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज के लेबर रूम में इंटर्न लेडी डॉक्टरों के बीच जमकर हंगामा हुआ। मरीजों के सामने डॉक्टरों के बीच मारपीट। हंगामे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
Birsa Munda Medical College :मध्य प्रदेश के शहडोल में स्थित बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिस लेबर रूम में प्रसव पीड़ा से कराहती महिलाएं सुरक्षित इलाज की उम्मीद से आती हैं, वहां इंटर्न लेडी डॉक्टरों ने जमकर उत्पात मचाया। अस्पताल में भर्ती मरीजों के सामने डॉक्टरों के बीच हाथापाई और मारपीट हुई, जिसने भर्ती महिलाओं को दहशत में डाल दिया।
इस मामले में शिवानी लाखिया नामक एक महिला डॉक्टर ने लिखित शिकायत करते हुए आरोप लगाया कि, उसकी सहपाठी इंटर्न डॉक्टर ने बाल पकड़कर न सिर्फ जमीन पर पटककर उसके साथ मारपीट की है, बल्कि उसके कपड़े तक फाड़ दिए। यही नहीं, शिकायतकर्ता डॉक्टर ने पिटाई करने वाली इंटर्न डॉक्टर पर जान मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। इस पूरे घटनाक्रम को नर्सिंग स्टाफ, गार्ड और अन्य मेडिकल कर्मियों ने देखा, जिनके नाम गवाहों में दर्ज किए गए हैं।
इस मामले का खुलासा लेबर रूम से सामने आई सीसीटीवी फुटेज से भी हुआ, जिसमें मारपीट और बदसलूकी का घटनाक्रम कैद है। यही नहीं, इस घटना का एक फोन से रिकॉर्ड किया वीडियो भी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो ने कॉलेज प्रबंधन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक में हड़कंप मचा दिया है।
सूत्रों की मानें तो मेडिकल अस्पताल में इंटर्न डॉक्टर का ये कोई पहला विवाद नहीं है। इससे पहले भी वह नफीस बस विवाद और महादेव प्रकरण जैसी कई घटनाओं में सुर्खियों में रह चुकी है। अब एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें प्रसव कराते समय डॉक्टर पर हमला करते हुए कैमरा तक छीनने की बात सामने आ रही है।
पीड़िता और स्टाफ ने आरोपी इंटर्न डॉक्टर के निलंबन के साथ-साथ आपराधिक कार्रवाई की मांग की है। वहीं दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन और पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप भी लग रहे हैं। इस मारपीट कांड ने मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था और महिला डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कॉलेज में इलाज कराने आई महिलाओं और उनके परिजनों का कहना है कि जिस जगह पर जीवन बचाने की जिम्मेदारी है, वहां खुद डॉक्टर ही हिंसक हो जाएं तो भरोसा कैसे कायम रहेगा। अब मामले की जांच और आरोपी पर कड़ी कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद प्रशासन और कॉलेज प्रबंधन पर दबाव बढ़ गया है।