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एक दिन में 50 रोटियां खा लेती है महिला, फिर भी कमजोरी से परेशान है

Rajagarh News : महिला दिनभर में 50 से ज्यादा रोटियां खा लेती है। हैरानी की बात ये है कि, इतना खाने के बावजूद वो शरीर में कमजोरी महसूस करती है।

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Rajagarh News

एक दिन में 50 रोटियां खा लेती है महिला, फिर भी.. (Photo Source- Patrika)

Rajagarh News : मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक महिला को खाने की अजीबो-गरीब बीमारी हो गई है। बताया जा रहा है कि, महिला दिनभर में 50 से ज्यादा रोटियां खा लेती है। हैरानी की बत तो ये है कि, महिला इतना खाने के बावजूद कमजोरी महसूस करती है। हालात ये हैं कि, अब महिला की बीमारी ने उसके ससुराल वालों को ही नहीं, बल्कि मायके वालों तक को परेशान करके रख दिया है।

महिला की बीमारी ठीक कराने के उद्देश्य से ससुराल वाले उसे लेकर अबतक राजगढ़ से राजस्थान के कोटा और झालावाड़ के साथ साथ एमपी के इंदौर, भोपाल, राजगढ़ और ब्यावरा में इलाज करवा चुके हैं। जबकि, मायके वाले भी उसे लेकर देश-प्रदेश में घूम चुके हैं, बावजूद इसके उन्हें कहीं से कोई राहत नहीं मिल सकी है। दोनों परिवारों की मानें तो महिला आज भी रोजाना 50 से अधिक रोटियां खा लेती है और उसकी कमजोरी भी लगातार बढ़ती जा रही है।

हर वक्त रोटी खाती रहती है महिला

जिले के सुठालिया कस्बे के पास नेवज गांव की रहने वाली 28 वर्षीय महिला मंजू सौंधिया तीन साल पहले तक आम जीवन जी रही थी। तीन साल पहले उसे ये अजीब सी बीमारी हुई। मंजू ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, उसके दो बच्चे हैं। पहले वो घर-परिवार के काम करती थी, लेकिन इस बीमारी ने उसका जीना मुश्किल कर दिया है। मंजू के अनुसार, वो अब दिनभर रोटी खाती और पानी पीती है, बावजूद इसके उसे भूख लगती रहती है।

डॉ. बोले- ये दिमागी बीमारी

महिला की बीमारी को लेकर शहर के एक डॉक्टर कोमल दांगी ने मीडिया को बताया कि, आज से 6 महीने पहले मंजू घबराहट की शिकायत लेकर आई थी। उसे भर्ती कर उपचार किया गया। कुछ दिन बाद वो दोबारा आई और कमजोरी की शिकायत की, जिसके चलते उसे मल्टीविटामिन की दवाएं देकर दवाओं को नियमित रूप से खाने की सलाह दी थी। डॉ. दांगी के अनुसार, ये साइकियाट्रिक डिसऑर्डर मालूम हो रहा है, क्योंकि मंजू को लगता है कि उसने खाना खाया ही नहीं और इसी अशांति को दूर करने के लिए वो बार-बार रोटी खाती और पानी पीती रहती है।

मनोचिकित्सक नहीं मान रहे दिमागी बीमारी

डॉ. दांगी ने मंजू को भोपाल के मनोचिकित्सक आरएन साहू को दिखाने को कहा। लेकिन जब मनोचिकित्सक को दिखाया गया तो उन्होंने इसे किसी तरह की मानसिक बीमारी मानने से इंकार कर दिया। परिवार अब मदद की आस लगाए बैठा है।

रोटी खाने की आदत छुड़ाएं

बताया गया कि अन्य दवाएं लेने पर मंजू को लूज मोशन की समस्या होती है, इसलिए वह दवाएं नहीं ले पा रही। डॉ. दांगी ने परिवार को सलाह दी कि मंजू की रोटी खाने की आदत धीर धीरे छुड़ाने की कोशिश करें। उसे खिचड़ी, फल या अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएं, ताकि उसकी रोटी खाने की आदत में सुधार हो।

टाइफाइड ने बाद बदला सबकुछ

मंजू के भाई चंदरसिंह सौंधिया का कहना है कि, मंजू का विवाह सिंगापुरा के राधेश्याम सौंधिया से हुआ है। उसकी एक 6 साल की बेटी है और एक 4 साल का बेटा है। बच्चे ससुराल में रह रहे हैं तो वहीं, मंजू कुछ दिन मायके तो कुछ दिन ससुराल में रहती है। मंजू के भाई के अनुसार, पहले उसे टाइफाइड हुआ था, जिससे वह ठीक हो गई, लेकिन उसके बाद से ही करीब तीन साल से उसे रोटी खाने की अजीब बीमारी सता रही है। भाई के अनुसार, मंजू रोजाना 50 से ज्यादा रोटियां खा लेती है।

मदद की आस

परिजन का कहना है कि, ससुराल और मायके वाले लगातार इलाज करा रहे हैं। जो जहां का कह रहा है, वहां जाकर इलाज कराते हैं, लेकिन अबतक इस अजीब बीमारी में कोई राहत नहीं लगी है। महिला का इलाज करा कराकर दोनों ही परिवारों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। ऐसे में अब परिवार सरकारी मदद की आस लगाए बैठे हैं।