P News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के दौरान शहडोल के एक गांव में फुटबॉल खेलने वाले युवाओं और उनकी प्रतिभा की सराहना की। हालांकि, इस गांव में अभी भी एक उपयुक्त खेल मैदान का अभाव है।
Mann Ki Baat: खिलाड़ियों के उत्साह और फुटबॉल के प्रति उनकी लगन और आगे बढ़ने की चाह पर संसाधन और उपयुक्त खेल मैदान की कमी ब्रेक लगा रही है। शहडोल के विचारपुर फुटबॉल मैदान (Vicharpur village) में रेफरशिप कोर्स कराने के लिए आए विशेषज्ञों ने भी चिंता जाहिर की है। उनका मानना है कि अभ्यास तक तो ठीक है लेकिन खिलाड़ी यदि खेलने के उद्देश्य से मैदान में उतरेंगे तो बुरी तरह से चोटिल होंगे। विचारपुर फुटबॉल मैदान के लिए जमीन पर्याप्त है, लेकिन इसे सुरक्षित करने और सुविधाआ को और बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए पहल हो तो फुटबॉल के साथ ही अन्य खेलों के लिए सर्वसुविधायुक्त मैदान तैयार किया जा सकता है। (MP News)
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) के मन की बात में आने के साथ विचारपुर को स्माल फीडर सेंटर तो बना दिया गया है, लेकिन सुविधाएं जस की तस हैं। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए प्रयास किए गए हैं, लेकिन इन प्रयासों के अभी तक परिणाम देखने नहीं मिले हैं। खिलाड़ियों के लिए खेल सामग्री तो उपलब्ध करा दी गई है, लेकिन खेल मैदान के साथ ही अन्य सुविधाआ की अभी भी कमी बनी हुई है। विचारपुर खेल मैदान के कायाकल्प व सुविधा विस्तार के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें खिलाड़ियों के लिए चेंजिंग रूम, स्टेडियम, खिलाड़ियों के रेस्ट के लिए समुचित व्यवस्था, मैदान के चारों तरफ बाउण्ड्रीवाल निर्माण सहित अन्य व्यवस्थाएं प्रस्तावित हैं। (MP News)
विचारपुर फुटबॉल खेल मैदान को मिनी ब्राजील का दर्जा तो मिल गया है, लेकिन यहां के खिलाड़ी अभी भी पूरी तरह से सामुदायिक भवन पर ही निर्भर है। पीने के पानी से लेकर चेंजिंग रूम तक के लिए इसी का उपयोग करते हैं। यहां तक कि वर्तमान में चल रहे रेफरशिप प्रशिक्षण की थ्योरी क्लास भी यहीं संचालित हो रही है। आगामी दिनों में वैवाहिक कार्यक्रम शुरु होने के बाद सामुदायिक भवन भी खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध नहीं होगा। ऐसे में उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ेगा। (MP News)
मध्य प्रदेश फुटबॉल एसोसिएशन के चीफ टेक्निकल ऑफिसर कर्नल गौतम कर 40 से ज्यादा देश में जा चुके हैं। उनका कहना है कि विचारपुर फुटबॉल मैदान में खेलने वाले खिलाड़ियों में उत्साह की कमी नहीं है, लेकिन संसाधन की कमी उनकी प्रतिभा में बाधक बन रही है। यहां का खेल मैदान न तो समतल है और न ही सुरक्षित।
रनिंग और मूवमेंट के दौरान खिलाड़ी बुरी तरह से चोटिल होंगे और हाथ पैर टूटने का भी खतरा है। खिलाड़ियों के लिए समतल व सुरक्षित मैदान की जरुरत है। खेल मैदान के लिए जितनी जमीन है उसमें दो फुटबॉल मैदान तैयार हो सकते हैं। बॉस्केटबॉल व वॉलीबॉल कोट के साथ ही स्पोर्ट्स काम्पलेक्स तैयार किया जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले आवश्यक है कि आस-पास होने वाले अतिक्रमण को रोका जाए और मैदान को सुरक्षित किया जाए। (MP News)
स्माल फीडर सेंटर में सुविधा विस्तार व निर्माण कार्य के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस पर कार्य शुरु कर दिया जाएगा। दिक्कत खत्म हो जाएगी।- रईस अहमद, सचिव जिला फुटबॉल संघ
खुला मैदान होने की वजह से पूरी तरह से असुरक्षित है। बड़े वाहनों के आवागमन की वजह से पूरा मैदान खराब हो गया है। इससे अभ्यास करने वाले खिलाड़ियों के घायल होने का भय बना रहता है।- अनिल सिंह, फुटबॉल कोच
स्माल फीडर सेंटर में खेल मैदान के साथ ही अन्य आवश्यक संसाधन व सुविधाओं की मांग की गई थी। सबसे ज्यादा जरुरत खेल मैदान को सुरक्षित करने की है।- लक्ष्मी सहीस, कोच स्माल फीडर सेंटर विचारपुर
ग्राउण्ड की लेवलिंग, सुरक्षा और यहां तक पहुंच मार्ग का निर्माण सबसे ज्यादा जरूरी है। खेल मैदान व्यवस्थित होगा तभी खिलाड़ी अच्छे से अभ्यास कर अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे।- उदय भान सिंह, भूतपूर्व नेशनल रेफरी