MP Mega Projects: मध्यप्रदेश में 2000 करोड़ से अधिक के विकास प्रोजेक्ट फॉरेस्ट अनुमति के अभाव में अटके पड़े हैं। मंजूरी के दावों के बावजूद बांधों और हाइवे प्रोजेक्ट्स पर काम की रफ्तार थमी हुई है।
MP Mega Projects: शासन-प्रशासन भले ही जिले में विकास के तमाम प्रोजेक्ट्स की मंजूरी के दावे करे, ले लेकिन ये प्रोजेक्ट धरातल पर गति नहीं पकड़ पा रहे है। इसका एक बड़ा कारण ये है कि श्योपुर जिले में लगभग 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक की लागत से कुछ ऐसे प्रोजेक्ट है, जिनमें फॉरेस्ट की अनुमति मिल पा रही है, जिसके चलते ये काम या तो शुरू नहीं हो पा रहे हैं, या फिर की अनुमति नहीं तेजी से पूरे नहीं हो पा रहे है।
हालांकि प्रशासनिक और विभागीयस्तर पर फॉरेस्ट की एनओसी (Forest NOC Delayed) प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया चल रही है, लेकिन सालों बाद भी ये प्रक्रिया कछुआ चाल दिख रही है। यही वजह है कि फॉरेस्ट के क्लीयरेंस के बिना भूमि पूजन के बाद भी जिले के दो बड़े बांधों मूंझरी और चेंटीखेड़ा बांधों का काम शुरू नहीं हो पा रहा है तो फॉरेस्ट की एनओसी के बिना ही नेशनल हाइवे के दो भागो का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कुछ यही स्थिति गोरस-शिवपुरी स्टेट हाइवे की नजर आ रही है। इसके साथ ही कुछ और प्रोजेक्ट्स में भी वन विभाग की आपत्तियां आड़े आ रहीं है।
सभी प्रोजेक्ट्स में फॉरेस्ट की अनुमति के लिए प्रक्रिया तेज करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं। इसमें नेशनल हाइवे के निर्माण में तो अंडरपास के निर्माण के लिए नए सिरे से प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए हैं।- अर्पित वर्मा, कलेक्टर, श्योपुर