mp news: तेजा दशमी पर भोपा के शरीर में आई देवी शक्ति, चंबल नदी से जहरीला सांप पकड़कर लाया भोपा, करीब 50 साल से चल रही परंपरा...।
mp news: भादौ शुक्ल दशमी पर मंगलवार को मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में तेजा दशमी का पर्व आस्था और परंपरा के अनुसार मनाया गया। इस दौरान तेजाजी के स्थानों पर श्रद्धालु उमड़े और दिन भर पूजा अर्चना का दौर चला। इस दौरान कहीं तेजाजी के भोपा को सवारी आई तो कहीं घोड़ी के साथ बिनौरी निकाली गई। इसके साथ ही तेजाजी के स्थानों पर भोपा और पुजारियों द्वारा सर्पदंश व अन्य जहरीले कीड़ों के बंध भी परंपरानुसार काटे गए।
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श्योपुर के सामरसा गांव के पास चंबल नदी में तेजा दशमी के अवसर पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है, जहां काली माता मंदिर का भगत (जिसे स्थानीय भाषा में भोपा कहते हैं) नदी में डुबकी लगाता है और एक काले नाग को पकड़ लेता है। वो नाग को गले में लपेटकर वाप आता है और फिर उसे मंदिर ले जाया जाता है जहां वो सर्पदंश व अन्य जहरीले कीड़ों के शिकार लोगों के बंध काटता है। इस बार भी भोपा ने चंबल नदी में डुबकी लगाई और काले नाग को पकड़कर लाया जिसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। यह परंपरा 50 वर्षों से चली आ रही है और भोपा के शरीर में देवी शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
राजस्थानी संस्कृति में रचे बसे होने के कारण श्योपुर जिले में भी लोक देवता वीर तेजाजी का पर्व तेजादशमी परंपरागत तरीके से मनाया गया। यही वजह है कि मंगलवार को शहर सहित जिले भर में तेजाजी के स्थानों पर विशेष पूजा अर्चना की गई, साथ ही कई गांवों में घोड़ी की सवारी और तेजाजी की बिनोरी भी निकाली गई। जबकि अन्य गांवों में तेजाजी के थानकों पर लोगों ने दर्शन किए। जिले में कई जगहों पर तेजाजी के थानकों के कार्यक्रम हुए।