श्योपुर

MP के चीते खुद बना रहे कॉरिडोर, 3 राज्यों तक बढ़ाया दबदबा, सामने आया मैप

MP News: प्रोजेक्ट चीता के तहत एमपी के कूनो नेशनल पार्क के जंगलों में बसे चीते अब अपना नया कॉरिडोर (Cheetah Corridor) बना रहे हैं। 20 महीने में वे तीन राज्यों में पहुंच गए हैं और खुलेआम घूम रहे हैं।

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Aug 30, 2025
roaming freely cheetah corridor kuno national park sheopur mp news (फोटो- कूनो नेशनल पार्क वेबसाइट)

Cheetah Corridor:प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत प्रस्तावित किए गए कूनो-गांधीसागर चीता लैंडस्केप (Kuno Gandhisagar Cheetah Landscape) भले ही अभी पूर्ण रूप नहीं ले पाया हो, लेकिन कूनो नेशनल पार्क के चीता इसी लैंडस्केप के बीच खुद अलग गलियारा तैयार करते नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि श्योपुर और प्रदेश के पड़ोसी जिलों के साथ-साथ राजस्थान के 3 जिलों में 3 अलग-अलग चीता दस्तक दे आए आए हैं। (MP News)

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3 राज्यों में चीता दे चुके है दस्तक

हालांकि कूनो की टीम रेस्क्यू कर इन्हें राजस्थान से ले आई, लेकिन लगभग डेढ़ साल में 3 चीतों का अलग- अलग रास्तों से राजस्थान जाना बताता है कि दुनिया का सबसे तेज धावक चीता कूनों और इसके आसपास के जंगल के के साथ ही राजस्थान के जंगल में भी इलाका तलाश रहा है।

यही वजह है कि 26 दिसंबर 2023 से 11 अगस्त 2025 की अवधि के बीच लगभग 20 महीनों में पचन, अग्नि और ज्वाला राजस्थान के नारों, करौली और सवाईमाधोपुर जिले की सीमा में जा चुके हैं। साफ है कि कूनो-गांधीसागर चीता लैंडस्केप में यदि प्री-बेस सहित अन्य सुविधाएं और ट्रेंड टीमें तैयार हुईं तो फिर चीतों को रेस्क्यू कर वापस लाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

इस मैप में काली लाइन मध्यप्रदेश राजस्थान का बॉर्डर है, जबकि लाल लाइनों में वह रूट दर्शाया गया है, जहां से होकर चीते राजस्थान के बारां , करौली और सवाई माधोपुर जिलों की सीमा में पहुंचे थे। (MP News)

अब तक ये 3 चीते राजस्थान में दे आए दस्तक…

  1. सवाईमाधोपुर में ज्वालाः कूनो से निकलकर मादा चीता ज्वाला गत 11 अगस्त 2025 को मानपुर के रास्ते चंबल नदी पार कर राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले की सीमा में पहुंच गई। टीम ज्वाला को 12 अगस्त 2025 की सवाईमाधोपुर जिले की खंडार तहसील के ग्राम करीरा से रेस्क्यू कर लाई। मध्यप्रदेश -राजस्थान बॉर्डर से ये इलाका लगभग 30 किमी दूर है।
  2. पवन पहुंचा था करौलीः चीता पवन 4 मई 2024 को राजस्थान के करौली जिले की सीमा में पहुंच गया, जिसे वापस लाया गया। हालांकि 27 अगस्त 2024 को पवन की कूनो पार्क की सीमा में ही नाले में डूबने से मौत हो गई थी।
  3. अग्नि पहुंचा था बारां- कूनो की सीमा से निकलकर नर चीता अग्नि 26 दिसंबर 2023 को राजस्थान के बारां जिले की सीमा में पहुंच गया। जिसके बाद टीस उसे ट्रैंगक्वलाइज़ कर वापस कुनी ले आई।

35 महीनों में चीते घूम चुके 8 जिले

17 सितंबर 2022 को शुरू हुर प्रोजेक्ट चीता (Kuno National Park) को 35 माह हो चुके हैं। इस दौरान चीते श्योपुर सहित 8 जिलों मुरैना, ग्वालियर शिवपुरी और अशोकनगर, जबकि राजस्थान के बारां, सवाईमाधोपुर और करौली में पहुंच चुके हैं। बहरहाल, चीता के विचरण के लिए डब्ल्यूआइआइ देहरादून (WII Dehradun) के विशेषज्ञों सहित अन्य एक्सपर्ट्स ने 17 हजार वर्ग किमी का चीता लैंडस्केप निर्धारित किया है। इसमें मप्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 18 जिलों का का शामिल है। पर यह लैंडस्केप अभी तैयार नहीं है, इसलिए चीतों को वापस लाना पड़ता है।

चीता लैंडस्केप की प्रक्रिया चल रही- डीएफओ

कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ आर. थिरुकुराल का कहना है कि कूनो नेशनल पार्क में चीते बेहतर तरीके से सर्वाइव कर रहे है और ये खुले तौर पर घूम रहे हैं। यही वजह है कि ये राजस्थान तक भी पहुंब चुके हैं। वहीं चीता लैंडस्केप के लिए अभी प्रक्रिया चल रही है। (MP News)

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Published on:
30 Aug 2025 11:10 am
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