Cattle Death Trap : सीधी-रीवा नेशनल हाईवे नंबर- 39 गौवंशों का काल बनता जा रहा है। यहां महज 10 दिन में 13 बेजुबानों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। बीती रात यहां एक अज्ञात वाहन सड़क पर एक साथ बैठे 10 मवेशियों को रौंद गया। इनमें से 8 की मौत हो गई।
Cattle Death Trap :मध्य प्रदेश के सीधी जिले से गुजरने वाले सीधी-रीवा नेशनल हाईवे नंबर- 39 पर गौवंशों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार रात को जमोड़ी बाईपास के ओवरब्रिज के पास एक बार फिर 8 बेजुबान गौवंशों एक भीषण सड़क हादसे में जान चली गई।
गौरतलब है कि, इसी स्थान पर 10 दिन पहले 5 गौवंशों की दर्दनाक मौत हुई थी। इस तरह महज 10 दिनों में 13 बेजुबान मवेशियों की सड़क पर मौत हो चुकी है। बीती रात हुए हादसे में मार्ग पर बैठे 10 गौवंश अज्ञात वाहन की चपेट में आए थे। स्थानीय लोगों ने तुरंत ही वेटरनरी डॉक्टरों की टीम को बुलाकर इलाज शुरु कराया, जिसके चलते दो गौवंशों की जान बच गई, लेकिन 8 गौवंशों की मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो हादसा इतना भयावह था कि, कई गौवंशों के अंग तक क्षत विक्षत हो गए थे। जब मृत गौवंशों को मिट्टी में दफनाया गया तो देखने वाले हर किसी की आंखें नम हो गईं थीं। यही सवाल गूंजता रहा- 'आखिर इन बेजुबानों का जुर्म क्या था?'
गौसेवक केशव मिश्रा और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर घायल मवेशियों को सुरक्षित शरण दिलाई और पशु चिकित्सकों की तत्परता से 2 की जान बच सकी। स्थानीय लोगों ने करूर पशुपालकों की लापरवाही और शासन-प्रशासन की चुप्पी को सबसे बड़ा पाप बताया। उनका कहना है कि, सरकार जहां एक तरफ गौसेवा का दावा करती है, वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर गौवंशों के साथ हो रही ऐसी दर्दनाक घटनाओं ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी है।
घटना को लेकर शिवसेना प्रदेश उपाध्यक्ष विवेक पांडे और गौसेवादल के केशव मिश्रा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि, 'NH-39 आज गौवंशों की कब्रगाह बन चुका है। शासन-प्रशासन की मौन भूमिका सबसे बड़ा अपराध है। अगर सरकार सचमुच गोसेवा के प्रति गंभीर है तो इस लापरवाही पर तत्काल रोक लगाए, अन्यथा आने वाले समय में जनता इस पाप का हिसाब जरूर ले लेगी।'