सीकर

बड़ी खुशखबरी: आंगनबाड़ी केंद्रों के इन रिक्त पदों पर होगी भर्ती, विभाग ने मांगे आवेदन, 18 जनवरी तक कर सकते हैं जमा

JOBS 2025: आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए बड़ी भर्ती शुरू हो रही है। जिले के विभिन्न ब्लॉकों में आशा सहयोगिनियों के रिक्त पदों पर आवेदन मांगे गए हैं।

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Dec 23, 2025
File Photo: Patrika

ASHA Workers Recruitment: चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में आशा सहयोगिनियों के रिक्त पदों के लिए भर्ती की जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से पात्र लोगों से आवेदन मांगे गए हैं। जिले के गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में आशा सहयोगिनियों के स्वैच्छिक मानदेय सेवा के रिक्त पदों के लिए आवेदन संबंधित खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा किए जाएंगे।

सीएमएचओ डॉ अशोक महरिया ने बताया कि जिले अजीतगढ़, दांता, फतेहपुर, खंडेला, कूदन, नेछवा, लक्ष्मणगढ, नीमकाथाना, पलसाना, पाटन, पिपराली, श्रीमाधोपुर ब्लॉक के गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों में आशा सहयोगिनियों के लिए स्वैच्छिक मानदेय सेवा के रिक्त पदों के लिए आवेदन मांगे हैं।

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शहर के आवेदन पत्र बीसीएमओ के कार्यालय में जमा होंगे। इसी तरह अन्य ब्लॉक के आवेदन पत्र संबंधित ब्लॉक सीएमओ के कार्यालय में जमा होंगे। आवेदन पत्र 18 जनवरी को शाम पांच बजे तक जमा होंगे।

कहां कितने पद

जिले में आशा सहयोगिनी के 99 रिक्त पदों पर भर्ती होनी है। इसमें अजीतगढ़ में पांच, दांता में नौ, फतेहपुर में 13, खंडेला में 12, कूदन में आठ, नेछवा में चार, लक्ष्मणगढ़ में सात, नीमकाथाना में छह, पलसाना में चार, पाटन में दो, पिपराली में एक, श्रीमाधोपुर में आठ व सीकर शहर के 20 पद शामिल है।

पतंगबाजी को लेकर एडवाइजरी जारी


चाइनीज मांझे के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध के बाद भी इसके उपयोग से पशु-पक्षियों को हो रही गंभीर चोटों को लेकर सरकार सख्त हो गई है। इसको लेकर शासन सचिव, पशुपालन, गोपालन एवं मत्स्य डॉ. समित शर्मा ने प्रदेश के सभी जिलों के लिए एडवाइजरी जारी की है।

उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति के पर्व पर पतंगबाजी में नायलॉन/सिंथेटिक सामग्री से निर्मित 'चायनीज मांझे' और कांच लोहे के चूर्ण से लेपित धागों के प्रयोग से आमजन और मूक पक्षियों के जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न होता है। सख्त प्रवर्तन के तहत पुलिस एवं स्थानीय प्रशासन के माध्यम से सघन तलाशी अभियान चलाकर प्रतिबंधित मांझे के स्टॉक को तत्काल जब्ती करनी होगी।

उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 और भारतीय न्याय संहिता 2023 की सुसंगत धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई भी की जाए। उन्होंने बार-बार उल्लंघन करने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू करने के निर्देश दिए।

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Published on:
23 Dec 2025 09:17 am
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