राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की घोषणा के बाद भी विज्ञप्ति जारी नहीं हुई जिससे 15 लाख बेरोजगार इंतजार कर रहे हैं। बजट में 7268 पदों का वादा किया गया था पर पदों की बढ़ोतरी और विभागीय उलझनों से प्रक्रिया अटकी है।
राजस्थान के 15 लाख बेरोजगारों की आंखें सरकार की ओर टिकी हैं लेकिन तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की घोषणा के बाद भी विज्ञप्ति का इंतजार खत्म नहीं हुआ। बजट में 7268 पदों पर भर्ती का वादा किया था और रोजगार उत्सव में यह दोहराया गया। यह अभी तक केवल आश्वासन ही है।
गांव-ढाणियों से निकलकर कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेने वाले युवा हर महीने 8 से 10 हजार रुपए खर्च कर रहे हैं लेकिन भर्ती की प्रक्रिया शुरू नहीं होने से उनका धैर्य टूटने लगा है। पिछले दिनों इस मामले में बेराजगारों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को ज्ञापन देकर अपना दर्द बताया था। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री तक उनकी पीड़ा पहुंचाने का आश्वासन भी दिया था।
टोड़ाभीम से सीकर आकर तैयारी कर रहे हैं, गौरव मीणा कहते हैं, सरकार ने पेपर माफिया पर तो कार्रवाई की, लेकिन नई भर्तियों में भी तेजी जरूरी है। दो साल से कोई तृतीय श्रेणी भर्ती नहीं हुई है। सीकर की मोनिका शर्मा कहती हैं, हर दिन विज्ञप्ति का इंतजार करते हैं। सरकार को दिवाली से पहले पद बढ़ाकर भर्ती शुरू करनी चाहिए।
प्रदेश में पिछले दो साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के लिए मुख्य परीक्षा का आयोजन नहीं हुआ है। सरकार ने बजट में 7268 पदों पर भर्ती की घोषणा की थी। लेकिन अभी विज्ञप्ति जारी नहीं हुई है। इस कारण बेरोजगारों में मायूसी है। सरकार को रिक्त पदों के बराबर नई भर्ती करानी चाहिए। इससे बेरोजगारों का नौकरी का सपना पूरा हो सकता है।
-डॉ. हितेश शर्मा, कॅरियर काउंसलर