राजस्थान की शिक्षानगरी सीकर को केंद्र सरकार की तरफ से 50 नई इलेक्ट्रिक बसों का तोहफा मिला है। इन बसों का संचालन जल्द ही शहर में शुरू होने वाला है। बसों के संचालन को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
सीकर। शिक्षानगरी के लोगों के लिए राहतभरी खबर है। जिले के लोगों को अब बाहरी क्षेत्रों में भी परिवहन सुविधा देने के लिए सरकार की ओर से 50 इलेक्ट्रिक बसें दी जाएंगी। जिला प्रशासन व नगर परिषद की ओर से इन बसों के लिए जल्द रूट तय किए जाएंगे। केन्द्र सरकार की कमेटी में सीकर को ईवी बसें देने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। शहर में 50
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन से विद्यार्थियों के साथ गांव-ढाणियों के लोगों को सीधे तौर पर राहत मिल सकेगी।
फिलहाल, शहर की ज्यादातर परिवहन व्यवस्था ऑटो सेवा के सहारे है। वहीं कुछ जोन के लोगों को सिटी बस सेवा से राहत मिली है। ऑटो का संचालन शहर में ही होने और सिटी बस सेवा में भी पूरा शहर कवर नहीं होने की वजह से लंबे अर्से से परिवहन व्यवस्था में सुधार की मांग की जा रही थी। ऐसे में ईवी बस सेवा से लोगों को राहत मिल सकेगी।
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। वहीं इन बसों का संचालन निजी कंपनी के जरिए होगा। सूत्रों के अनुसार बसों में चालक व परिचालक लगाने का जिम्मा नगर परिषद की ओर से संभाला जाएगा। नगर परिषद की ओर से ईवी बस सेवा के लिए एक अलग से मॉनिटरिंग अधिकारी भी नियुक्त किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक बस सेवा के लिए शहर में एक मुख्य बस स्टैंड बनाया जाएगा। यहां से अलग-अलग रूट के लिए बसें रवाना होंगी। इधर बसों की बैटरी की चार्जिग स्टेशन का जिम्मा अजमेर डिस्कॉम के पास होगा। मुख्य बस स्टैंड के पास ही चार्जिंग स्टैंड बनाने की संभावना है।
शहर में ईवी बस सेवा के लिए रूट तय करने का काम जिला प्रशासन, नगर परिषद, यूआइटी, परिवहन व यातायात पुलिस प्रशासन की ओर से किया जाएगा। इसके लिए इन महकमों की संयुक्त कमेटी का गठन किया जाएगा। वहीं बसों का किराया भी इसी कमेटी की ओर से तय किया जाएगा।
शिक्षानगरी को 50 ईवी बसों की सौगात देने के पीछे कई वजह है। जानकारों का कहना है कि यहां प्रदेश के अन्य शहरों के मुकाबले तेजी से आबादी विस्तार हुआ है। वहीं शहर के बाहरी क्षेत्र में परिवहन सुविधा कमजोर होने और विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए केन्द्र सरकार ने सीकर का भी ईवी बस सेवा के लिए चयन किया है।
फिलहाल शहर में 90 फीसदी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ऑटो सेवा के सहारे है। ईवी बसों के संचालन से ऑटो सेक्टर को आर्थिक तौर पर झटका लगना तय है। वहीं ईवी बस सेवा का सबसे ज्यादा नगर परिषद इलाके के आस-पड़ोस की गांव-ढाणियों को मिलेगा।
इलेक्ट्रिक बसें शून्य टेलपाइप उत्सर्जन करती हैं, जिससे वायु प्रदूषण और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है।
इलेक्ट्रिक बसें पारंपरिक डीजल बसों की तुलना में कम शोर करती हैं, जिससे शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण कम होता है।
कम उत्सर्जन के कारण, ईवी बसें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करती हैं।
ईवी बसें वायु प्रदूषण को कम करती हैं, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा कम होता है।
इलेक्ट्रिक बसें पारंपरिक बसों की तुलना में कम रखरखाव और ईंधन लागत वाली होती हैं।
बिजली की कीमतें अन्य ईंधन की तुलना में अधिक स्थिर होती हैं, जिससे परिचालन लागत का अनुमान लगाना आसान होता है।
ईवी बसें पारंपरिक बसों की तुलना में अधिक ऊर्जा कुशल होती हैं, जिससे ऊर्जा की बचत होती है।
राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार से सीकर को 50 ईवी बसों के प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है। इससे शिक्षानगरी में परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा। नगर परिषद की ओर से शहरवासियों की आवश्यकता के हिसाब से जल्द रूट भी तय कर लिए जाएंगे। ईवी बसों का संचालन नगर परिषद की देखरेख में होगा। -शशिकांत शर्मा, आयुक्त, नगर परिषद, सीकर