सिरोही

Rajasthan: एकमात्र मंदिर, जहां मां लक्ष्मी गज पर सवार होकर भक्तों को देती हैं दर्शन, दीपोत्सव में 8 दिन होती है विशेष पूजा

राजस्थान के सिरोही में एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां मां लक्ष्मी गज पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देती है। मंदिर में मां लक्ष्मी सफेद हाथी पर विराजमान है।

2 min read
Oct 20, 2025
laxmi mata mandir sirohi

सिरोही। सिरोही जिले को देवनगरी भी कहा जाता है। जिले में कई प्राचीन व ऐतिहासिक मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं की आस्था के केन्द्र हैं। इन्हीं में से एक सिरोही शहर में मां लक्ष्मी का प्रसिद्ध प्राचीन मंदिर हैं। मां लक्ष्मी मंदिर सन् 1425 में सिरोही रियासत की स्थापना के समय श्रीमाली ब्राह्मण समाज के पूर्वजों ने बनवाया था।

मंदिर में सफेद मार्बल से बनी हुई 4 हाथों वाली मां लक्ष्मी की प्रतिमा है, जिनके 2 हाथों में कमल हैं, बैठी मुद्रा में माताजी का आसन कमल के साथ गज का है। इस मंदिर को गजलक्ष्मी मंदिर भी कहा जाता है। दीपावली पर्व पर मंदिर में मां लक्ष्मी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर में सफेद मिठाई का भोग लगाकर मनोकामना करने से भक्तों की दरिद्रता दूर होती है।

ये भी पढ़ें

Diwali Special : राजस्थान का अनोखा महालक्ष्मी मंदिर, जहां भक्त दिवाली पर देवी को लिखते हैं चिट्ठी

मां लक्ष्मी सफेद हाथी पर विराजमान

यह एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां मां लक्ष्मी गज पर सवार होकर अपने भक्तों को दर्शन देती है। मंदिर में मां लक्ष्मी सफेद हाथी पर विराजमान है। दीपावली पर्व पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है और यहां खास परंपरा निभाई जाती है। दीपावली के मौके पर दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। गजलक्ष्मी मंदिर सिरोही शहर के बीचों-बीच छोटी ब्रह्मपुरी में स्थित है। गजलक्ष्मी स्वरूप में देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद चिर स्थाई माना जाता है।

108 कमल के फूलों से होता है श्रृंगार

शहर निवासी अरूण ओझा ने बताया कि दीपावली के दिन महालक्ष्मी मंदिर की विशेष सजावट के साथ 108 कमल के फूलों से शृंगार किया जाता है। वहीं, छोटी ब्रह्मपुरी के हर घर से दीपक लेकर आते हैं और माता की पूजा-अर्चना कर मंदिर को रोशन किया जाता है। मान्यता है कि गजलक्ष्मी माता के दर्शन से भक्तों को धन, सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मान्यताओं के अनुसार यहां से नए काम को शुरू करने से सभी कार्य शुभ और मंगलकारी होते है। माना जाता है कि जो भी भक्त दीपावली के दिन मंदिर में दीपदान करता है, माता लक्ष्मी उसके घर में प्रवेश करती है।

दीपोत्सव में 8 दिन होती है विशेष पूजा

छोटी ब्रह्मपुरी स्थित मां गजलक्ष्मी मंदिर में दीपोत्सव के तहत धनतेरस से लेकर लाभ पंचमी तक 8 दिन विशेष पूजा-अर्चना होती है। इन आठ दिनों में अष्टसिद्वि और नव निधि की भी विधि विधान से पूजा की जाती है। इस मंदिर की मान्यता है कि दीपावली पर पूजा-अर्चना कर मनोकामना करने से दरिद्रता दूर होती है। अभी मंदिर में आकर्षक सजावट व रोशनी की गई है।

ये भी पढ़ें

Diwali Special : जयपुर की दिवाली के दीवाने थे ब्रिटिश शासक व राजा-महाराजा, भव्य आतिशबाजी देख मंत्र मुग्ध हो जाती थी गुलाबी शहर की जनता

Updated on:
20 Oct 2025 03:02 pm
Published on:
20 Oct 2025 03:00 pm
Also Read
View All

अगली खबर