मंत्री के काफिले को ओवरटेक करना तीन युवकों को भारी पड़ गया। पुलिस ने कार सवार तीनों युवकों डिटेल निकाल कर उन्हें हवालात की सैर करवा दी। यह काफिला समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड़ का था।
सोनभद्र : उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव गौड़ के स्कॉर्ट वाहन को हाईवे पर ओवरटेक करने की कोशिश तीन युवकों को जेल की हवा खिलवा गई। चोपन पुलिस ने दुद्धी के शुभम सोनी और पंकज अग्रहरी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि कार मालिक अंकित मिश्रा पहले ही पकड़ा जा चुका है। लखनऊ नंबर की स्विफ्ट डिजायर कार को जब्त कर लिया गया है। आरोपियों पर लापरवाही से वाहन चलाने, आपराधिक बल प्रयोग, धमकी और सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने साफ संदेश दिया है सड़क पर VIP हो या आम आदमी, कानून सबके लिए बराबर है।
घटना 30 अक्टूबर की शाम की है, जब मंत्री संजीव गौड़ रॉबर्ट्सगंज से डाला लौट रहे थे। लोढ़ी टोल प्लाजा पार करने के बाद उनकी एस्कॉर्ट गाड़ी को एक स्विफ्ट डिजायर (नंबर UP32KP1042) ने बार-बार ओवरटेक करने की कोशिश की। चोपन पुल के पास कार सवारों ने काफिले को जबरन रोकने का प्रयास किया। जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संजीव तिवारी की तहरीर के मुताबिक, युवकों ने गाली-गलौज की, बोनट और शीशों पर मुक्के मारे तथा ड्राइवर व गनर से बदसलूकी की।
मंत्री संजीव गौड़ ने बताया, 'कार सवारों ने कई किलोमीटर तक पीछा किया। रोकने की कोशिश की, लेकिन ड्राइवर नहीं रुका तो हाथों से गाड़ी पीटने लगे। बैरियर पर पहुंचकर पुलिस को सूचना दी।' यह घटना सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी का जीता-जागता उदाहरण बन गई, जहां एक छोटी सी जल्दबाजी ने तीन जिंदगियों को मुश्किल में डाल दिया।
मामला दर्ज होते ही सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने तुरंत गिरफ्तारी के आदेश दिए। एएसपी अनिल कुमार और सीओ सिटी रणधीर मिश्रा की निगरानी में प्रभारी निरीक्षक कुमुद शेखर सिंह ने विशेष टीम गठित की। मुखबिर की सूचना पर 31 अक्टूबर को कार मालिक अंकित मिश्रा को पकड़ लिया गया। शुक्रवार को शुभम सोनी (पुत्र भगवानदास) और पंकज अग्रहरी (पुत्र ओमप्रकाश), दोनों दुद्धी निवासी, को चोपन क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।
मुकदमा संख्या 393/2025 में बीएनएस की धारा 281 (लापरवाही से वाहन चलाना), 352 (आपराधिक बल प्रयोग), 351(3) (आपराधिक धमकी), 131, 126(2), 109(1) तथा 7 सीएलए एक्ट के तहत कार्रवाई की गई। सब-इंस्पेक्टर शिवानंद राय और हेड कांस्टेबल अजय सिंह यादव की भूमिका को सराहा गया। दोनों नवनियुक्त आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।