श्री गंगानगर

Rajasthan: दो शिक्षक फ्लैट में बना रहे थे एमडी ड्रग्स, NCB ने दबिश देकर किया गिरफ्तार; 12 करोड़ की कर चुके सप्लाई

श्रीगंगानगर के हनुमानगढ बाइपास के पास स्थित आवासीय कॉलोनी के एक फ्लैट में दबिश देकर मेफेड्रोन एमडी ड्रग्स बनाने की लैब पकड़ी।

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Photo- Patrika Network

श्रीगंगानगर में नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) जोधपुर ने मंगलवार को श्रीगंगानगर के हनुमानगढ बाइपास के पास स्थित आवासीय कॉलोनी के एक फ्लैट में दबिश देकर मेफेड्रोन एमडी ड्रग्स बनाने की लैब पकड़ी। 780 ग्राम एमडी ड्रग्स, विभिन्न रसायन व उपकरण जब्त कर दो शिक्षकों को गिरफ्तार किया गया। जब्त ड्रग्स की कीमत 2.34 करोड़ रुपए आंकी गई है। दोनों शिक्षक दो महीने में 15 करोड़ रुपए की पांच किलो ड्रग्स बना चुके हैं। आश्चर्यजनक रूप से आवासीय क्षेत्र के बीचों-बीच फ्लैट में एमडी ड्रग्स बनाने की प्रयोगशाला चल रही थी, लेकिन स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं लग पाई।

एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी ने बताया कि श्रीगंगानगर के रिद्धि-सिद्धि एनक्लेव के पास ड्रीम होस अपार्टमेंट के एक फ्लैट में मेफेड्रोन (मेथाइलमेथकैथिनोन ड्रग्स) बनाने की गोपनीय लैब संचालित होने की सूचना मिली। इसे आम बोलचाल की भाषा में एमडी ड्रग्स कहा जाता है। ब्यूरो ने मंगलवार सुबह फ्लैट में दबिश दी। तलाशी लेने पर ड्रग्स बनाने की लैब और उपकरण देख ब्यूरो के अधिकारी भी चौंक गए। मौके से ड्रग्स बनाने के रसायन और लैब में ड्रग्स बनाने के कई उपकरण जब्त किए गए।

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दोनों विज्ञान के शिक्षक, एक आरएएस की तैयारी कर रहा था

एनडीपीएस एक्ट में एफआइआर दर्ज कर श्रीगंगानगर में रायसिंहनगर निवासी मनोज पुत्र हंसराज भार्गव व साधुवाली गांव निवासी इन्द्रजीत पुत्र राजूराम बिश्नोई को गिरफ्तार किया गया। आरोपी मनोज मुकलावा राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल में वर्ष 2020 से विज्ञान का शिक्षक है। वहीं, इन्द्रजीत एमडी पब्लिक स्कूल में भौतिक विज्ञान का शिक्षक है। वह वर्ष 2014 से 2024 तक शिक्षण व कोचिंग करवा रहा है। साथ ही आरएएस की तैयारी भी कर रहा था।

फ्लैट नंबर 279 की घेराबंदी

श्रीगंगानगर में ड्रीम होस अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 279 में संचालित मेफेड्रोन (मेथाइलमेथकैथिनोन ड्रग्स) बनाने की लैब पर दबिश देने के लिए एनसीबी की टीम पहुंची। मंगलवार सुबह से ही घेराबंदी कर डाली। इस टीम में शामिल एक्सपर्ट ने लैब का खुलासा किया। पूरी प्रक्रिया अपनाने के बाद सुरक्षा की दृष्टिगत सदर पुलिस को सूचना दी। सदर सीआई सुभाषचन्द्र और उसके साथ आए पुलिस कार्मिकों को इस लैब के बारे में जानकारी दी गई।

दो माह में 12 करोड़ रुपए की ड्रग्स सप्लाई कर चुके

एनसीबी की पूछताछ में सामने आया कि दोनों शिक्षकों ने दो-ढाई माह पहले ही फ्लैट किराए पर लेकर गोपनीय लैब लगाई थी। जब्त रसायन और उपकरण दिल्ली से मंगवाए थे। आरोपियों ने अब तक 15 करोड़ रुपए की पांच किलो ड्रग्स बना चुके हैं। इसमें से 780 ग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की। शेष 4.22 किलो ड्रग्स युवाओं में सप्लाई कर चुके हैं।

रात 9.30 बजे सूचना, टीम भेजी, सुबह छापा

एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक घनश्याम सोनी का कहना है कि एक मुखबिर ने सोमवार रात 9.30 बजे फ्लैट में ड्रग्स बनाने की लैब संचालित होने की सूचना दी थी। शहर से बाहर होने के बावजूद कॉल कर टीम बनाई और तुरंत श्रीगंगानगर भेजा। इसके चलते अल-सुबह लैट में छापा मारकर लैब पकड़ ली।

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Published on:
09 Jul 2025 10:06 am
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