Udyan Abha Toofan Express: राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली तूफान एक्सप्रेस के एक बार फिर चलने की उम्मीद जगी है। 95 साल पहले शुरू हुई इस ट्रेन का अपना अलग इतिहास है।
Udyan AbhaToofan Express: श्रीगंगानगर से हावड़ा के बीच कभी लोगों की पहली पसंद रही 'उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस' को फिर से पटरी पर दौड़ते देखने की उम्मीदें एक बार फिर जाग उठी हैं। लंबे समय से बंद पड़ी इस ऐतिहासिक ट्रेन को लेकर रेलवे बोर्ड स्तर पर बहाली की तैयारी शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।
हाल ही में पंजाब दौरे पर आए रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू से जेडआरयूसीसी के पूर्व सदस्य भीम शर्मा ने इस ट्रेन को बहाल करने की मांग उठाई। शर्मा ने मंत्री को बताया कि आजादी से पहले शुरू हुई यह ट्रेन न सिर्फ यात्रियों के लिए अहम थी, बल्कि आठ राज्यों को जोड़ने का महत्वपूर्ण साधन भी थी। इस पर रेल राज्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि रेलवे बोर्ड में प्रस्ताव आने पर बहाली पर विचार किया जाएगा। अबोहर विधायक संदीप जाखड़ ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
तूफान एक्सप्रेस का इतिहास लगभग 95 साल पुराना है। इसे पहली बार 1 जून 1930 को ब्रिटिश शासन के दौरान हावड़ा से चलाया गया था। यह ट्रेन करीब 1978 किलोमीटर की दूरी 45 घंटे 25 मिनट में तय करती थी। श्रीगंगानगर पहुंचने से पहले यह ट्रेन पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से गुजरती थी।
कोरोना काल से पहले ही इस ट्रेन का संचालन रोक दिया गया था। रेलवे की नई समय सारिणी में इसे जगह नहीं मिलने के बाद माना जाने लगा कि यह ट्रेन अब स्थायी रूप से इतिहास का हिस्सा बन गई है। प्रयागराज जैसे प्रमुख स्टेशनों पर हर दिन गूंजने वाली इसकी घोषणा अब सिर्फ यादों में रह गई है।
समय के साथ इस ट्रेन का ठहराव बढ़कर 110 रेलवे स्टेशनों तक पहुंच गया था। हावड़ा, पटना, प्रयागराज, कानपुर, आगरा, नई दिल्ली, भटिंडा जैसे बड़े स्टेशनों पर रुकते हुए यह श्रीगंगानगर पहुंचती थी। इसकी औसत गति 44 किलोमीटर प्रति घंटा और अधिकतम गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा रही।
लंबी दूरी की ट्रेन होने के बावजूद तुफान एक्सप्रेस स्थानीय यात्रियों की भी पसंद थी। उत्तर प्रदेश की बात करें तो प्रयागराज से कानपुर, सिराथू और भरवारी जैसे स्टेशनों तक दैनिक यात्री बड़ी संख्या में इस पर निर्भर रहते थे।
लंबे समय से इतिहास के पन्नों में सिमट चुकी इस ट्रेन की बहाली की खबर ने यात्रियों और रेल प्रेमियों में नई उम्मीदें जगा दी हैं। अगर रेलवे बोर्ड स्तर पर सहमति बनती है तो संभव है कि जल्द ही उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस एक बार फिर पटरियों पर दौड़ती नजर आए और अपने गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाए।