Holi Celebration Illegal Liquor Sale: होली के जश्न में शराब की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ी, लेकिन ओवर रेटिंग ने शौकीनों की जेब हल्की कर दी। जिले भर में दुकानों पर तय कीमत से ज्यादा वसूली गई, और जब ग्राहक शिकायत करना चाहते थे, तो जिम्मेदार अधिकारियों के फोन बंद मिले। देर रात तक मनमानी चलती रही।
Holi Celebration Excise Department: होली का त्यौहार आते ही जिले में शराब की बिक्री में भारी उछाल देखने को मिला। रंगों के इस उत्सव को सुरा प्रेमियों ने और भी रंगीन बनाने के लिए शराब की दुकानों का रुख किया, लेकिन इस बार उन्हें मनमानी कीमतें चुकानी पड़ीं। जिले में ओवर रेटिंग का खेल जमकर चला, और जब ग्राहक शिकायत करने पहुंचे, तो जिम्मेदार अधिकारी फोन बंद कर गायब हो गए।
होली के जश्न को यादगार बनाने के लिए शराब की दुकानों पर गुरुवार दोपहर से ही ग्राहकों की लंबी कतारें लगने लगीं। ठेकेदारों और सेल्समैनों ने मौके का फायदा उठाते हुए मनमानी कीमतों पर शराब बेचना शुरू कर दिया। निर्धारित रेट से ज्यादा पैसे वसूलने का यह सिलसिला पूरे दिन चलता रहा, और ग्राहकों की मजबूरी का जमकर फायदा उठाया गया।
दरियापुर ओवर ब्रिज, बाधमंडी, बघराजपुर, लोहरामऊ, करौंदिया, सब्जी मंडी समेत कई जगहों पर शराब दुकानों पर भारी भीड़ देखी गई। जिन ग्राहकों ने विरोध किया, उन्हें यह कहकर चुप करा दिया गया कि "लेना है तो लो, नहीं तो आगे बढ़ो, त्यौहार का टाइम है, कोई देखने वाला नहीं है।"
ओवर रेटिंग से परेशान कुछ लोगों ने आबकारी विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन उनके फोन या तो बंद मिले या किसी ने रिसीव नहीं किया। देर शाम तक ग्राहक फोन लगाते रहे, लेकिन कोई भी अधिकारी मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं हुआ। सूत्रों के मुताबिक आबकारी विभाग को पहले से अंदेशा था कि इस बार होली पर शराब की बिक्री में भारी उछाल आएगा। इसके बावजूद विभाग की ओर से किसी तरह की निगरानी नहीं रखी गई। नतीजा यह हुआ कि दुकान संचालकों ने खुलेआम ग्राहकों को लूटना शुरू कर दिया।
हर साल होली पर शराब की बिक्री कई गुना बढ़ जाती है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता। इस बार भी ऐसा ही हुआ। शराब माफियाओं ने जमकर कमाई की, जबकि प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। ग्राहकों का कहना है कि प्रशासन अगर समय रहते निगरानी रखता और ओवर रेटिंग करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करता, तो इस तरह खुलेआम लूटपाट नहीं होती।
जिले भर में अलग-अलग ब्रांड की शराब की बिक्री में भारी उछाल देखा गया, लेकिन कुछ ब्रांडों की कीमतों में 50% से 100% तक की बढ़ोतरी कर दी गई।
शराब खरीदने आए कई ग्राहकों ने इस ओवर रेटिंग पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
हर साल होली और अन्य बड़े त्योहारों पर शराब की ओवर रेटिंग का मुद्दा सामने आता है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई सख्त कदम नहीं उठाता। अगर आबकारी विभाग और जिला प्रशासन समय रहते सतर्कता बरते और छापेमारी करे, तो इस तरह की लूट से बचा जा सकता है।
होली के इस त्यौहार पर सुरा प्रेमियों ने खूब शराब खरीदी, लेकिन ओवर रेटिंग ने उनकी जेबों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया। प्रशासन की लापरवाही से दुकानदारों की मनमानी चलती रही, और ग्राहक मजबूरी में महंगे दामों पर शराब खरीदने को मजबूर हुए। अगर आने वाले त्योहारों में इस लूट से बचना है, तो प्रशासन को अब सख्त कदम उठाने होंगे।