Attack on forest team: ग्रामीणों का आरोप है कि वन कर्मचारियों द्वारा अतिक्रमित भूमि के बदले मांगी गई थी रिश्वत, नहीं देने पर पहुंचे थे कार्रवाई करने, इसी बात को लेकर था गुस्सा
प्रतापपुर। Attack on forest team: सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत धरमपुर सर्किल के गेरुआ मुड़ा के पास मंगलवार को वन भूमि से अतिक्रमण हटाने गए वन कर्मियों की ग्रामीणों के साथ झड़प हो गई। यहां बवाल इतना बढ़ा कि ग्रामीणों ने दौड़ा-दौड़ाकर (Attack on forest team) वन कर्मियों को पीटा। इस दौरान वनकर्मी किसी तरह जान बचाकर भागे। घटना की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा तब जाकर किसी तरह ग्रामीण शांत हुए।
सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत धरमपुर सर्किल के गेरुआमुड़ा के पास सडक़ किनारे कुछ ग्रामीणों द्वारा लगभग 3 एकड़ की भूमि पर खलिहान रखकर अतिक्रमण किया गया था। आरोप के अनुसार पूर्व में अतिक्रमण करने वाले ग्रामीणों से वन कर्मचारियों (Attack on forest team) ने रिश्वत की मांग की थी, जब रुपए नहीं दिए गए तो विभाग ने कार्रवाई की तैयारी कर ली।
इसी कड़ी में मंगलवार को वन विभाग की टीम जेसीबी लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। वन अमले द्वारा जेसीबी मशीन के जरिए अतिक्रमित भूमि की खोदाई कराकर उसे सुरक्षित किया जा रहा था। यह देखकर मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ लग गई और कार्रवाई का विरोध (Attack on forest team) शुरू हो गया।
कुछ देर में विवाद इतना बढ़ा कि वनकर्मियों की ग्रामीणों के साथ झड़प हो गई। इस दौरान ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने दौड़ा-दौड़ाकर वन कर्मचारियों को पीटना (Attack on forest team) शुरू कर दिया। इस स्थिति के बीच वन कर्मचारी किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागे और पुलिस को सूचना दी।
प्रतापपुर थाने व खडग़वां चौकी से बड़ी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला। इसके बाद किसी तरह मामला शांत हुआ। तनाव की स्थिति देखते हुए काफी देर तक मौके पर पुलिस (Attack on forest team) बल तैनात रहा। इस संबंध में वन विभाग के एसडीओ आशुतोष भगत ने कहा कि वहां स्थिति बिगड़ गई थी, इस घटना की जांच की जा रही है।
धरमपुर सर्किल में लंबे समय से पेड़ों की अवैध कटाई (Attack on forest team) चल रही है। इसके अलावा बड़े पैमाने पर वन भूमि पर लोग अतिक्रमण कर खेती भी कर रहे हैं। वन अमले को इसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
लोगों का कहना है कि वन अमले की मिलीभगत से ही अतिक्रमण का खेल चल रहा है। मंगलवार को जो बवाल हुआ उसके पीछे भी रिश्वत मांगना मुख्य वजह थी। इस बात को लेकर ग्रामीण काफी आक्रोशित थे।