MP News: लोकायुक्त की टीम आरक्षक को पकड़ने के लिए उसके पीछे भागी, लेकिन आरक्षक भाग गया। सिर्फ उसकी जैकेट ही लोकायुक्त के हाथ आई।
MP News: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में लोकायुक्त की टीम को एक कॉन्स्टेबल चकमा देकर भाग गया। कॉन्स्टेबल कार में बैठकर रिश्वत ले रहा था और लोकायुक्त की टीम बाहर खड़ी थी। लेकिन जैसे ही लोकायुक्त टीम ने आरक्षक को पकड़ने के लिए कार का गेट खोला, तो आरक्षक धक्का देकर भाग गया। लोकायुक्त टीम आरक्षक को पकड़ने के लिए पीछे भागी, लेकिन सिर्फ आरक्षक की जैकेट ही हाथ लग पाई और आरक्षक फरार हो गया।
देखें वीडियो-
टीकमगढ़ कोतवाली थाने में पदस्थ आरक्षक पंकज यादव के खिलाफ अंकित तिवारी नाम के फरियादी ने सागर लोकायुक्त कार्यालय में रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक फरियादी अंकित तिवारी पर टीकमगढ़ कोतवाली थाने में एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। अब अंकित तिवारी को कोतवाली से जमानत नोटिस भरवाने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही थी। इसमें जमानत देने के साथ ही केस में बचाने के एवज में 20 हजार रुपये की मांग की गई थी, जिसमें वो 8 हजार रुपये पहले ही दे चुका था और बाकी 12 हजार रुपये देने के लिए उस पर दबाव आरक्षक पंकज यादव द्वारा बनाया जा रहा था।
सागर लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर रिश्वतखोर आरक्षक पंकज यादव को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। रिश्वत की रकम 12 हजार रुपये देने के लिए आरक्षक ने फरियादी अंकित तिवारी को कलेक्ट्रेट के सामने बुलाया। आरक्षक पंकज अपनी कार में बैठा हुआ था, और कार में ही जैसे ही उसने फरियादी से रिश्वत की रकम ली, तो बाहर खड़ी लोकायुक्त टीम ने अपना परिचय देते हुए गेट खोलने के लिए कहा। आरक्षक ने गेट खोला और "एक मिनट रुकिए" कहते हुए लोकायुक्त टीम को धक्का दिया और भाग गया। हालांकि लोकायुक्त टीम ने आरक्षक का पीछा किया, लेकिन उसकी जैकेट ही हाथ लग पाई। लोकायुक्त टीम ने आरक्षक की कार क्रमांक MP 04 CZ 7719 को कब्जे में लेते हुए उसके खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया है। इसके साथ ही कोतवाली टीआई बृजेन्द्र चौरसिया के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। टीआई की बातचीत की रिकॉर्डिंग भी लोकायुक्त के पास है।