MP News: एमपी में बिना पूरी जमीन अधिग्रहण और मुआवजा दिए ओवरब्रिज निर्माण शुरू करने से काम ठप है। सड़कें खुदी, शहर जाम में त्रस्त और भू-स्वामी जमीन वापस करने की मांग कर रहे हैं।
Railway Overbridge Construction: निवाड़ी में लोगों की सुविधा के लिए बनाया जा रहा रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) अब परेशानी का सबब बनने लगा है। लगातार चल रही लापरवाही से इसका काम पूरा नहीं हो रहा पा रहा है तो विभाग अधिगृहित की गई जमीन (land acquisition) का मुआवजा भी नहीं दे पाया है।
ऐसे में अब भू-स्वामियों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित करने की मांग की है। वहीं विभाग शासन से बजट आने की बाल कह रहा है। एक साल से अधिक समय से चल रहे रेलवे ओवर ब्रिज का काम पूरा न होने से पूरा शहर परेशान है। ओवर ब्रिज के काम के कारण यह पूरी सड़क जगह-जगह खुदी पड़ी है तो हर समय ट्रैफिक जाम की परेशानी सामने आ रही है। (mp news)
आलम यह है कि विभाग ने इसका काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन अब तक जमीन अधिगृहित करने की प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गई है। ऐसे में जिन किसानों की जमीन अधिगृहण का काम पूरा नहीं हुआ है, वह काम में बाधा डाल रहे है तो विभाग शासन से बजट आने की राह देख रहा है। ऐसे में आमजन को होने वाली परेशानी पर किसी का ध्यान नहीं है।
रेलवे स्टेशन के पास इस ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर कॉसिंग के समय गेट बंद होने से आमजन को परेशान होना पड़ता था। इससे बचने के लिए इस पुल का निर्माण शुरु किया गया था। यहां पर ओवरब्रिज के लिए दुकानों और मकानों के कुछ हिस्से सर्विस रोड के लिए अधिग्रहित किए गए थे। इसके लिए 13 सितंबर 2025 को भूमि का पंजीकरण एसडीओ पीडब्ल्यूडी नौगांव के पक्ष में किया गया था तथा मुआवजा राशि का भुगतान 1 अक्टूबर तक किया जाना था, लेकिन अब तक भुगतान नहीं किया गया है।
मुआवजा न मिलने से परेशान भू-स्वामियों ने कलेक्टर जमुना भिड़े को आवेदन देकर रजिस्ट्री शून्य घोषित कराने की मांग की है। भू-स्वामी डीके अहिरवार, गिरीश वाल्मीकि, अमर सिंह कुशवाहा, प्रदीप वाजपेयी सहित 9 लोगों ने कलेक्टर को दिए आवेदन में बताया है कि 13 सितंबर को जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद आज तक भुगतान नहीं मिला है। ऐसे में उनकी जमीन उनके हक में वापस दर्ज की जाए।
इस मामले में विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रकार के कामों में सबसे पहले जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए थी। विशेषज्ञ बताते हैं कि इस प्रकार के किसी भी काम का सबसे पहला चरण भूमि अधिग्रहण करना होता है। यह सभी जानते हैं कि जब तक भू-स्वामी को उसकी जमीन की कीमत नहीं मिलेगी, वह काम नहीं करने देगा। यदि विभाग ने यह काम पहले पूरा कर लिया होता तो यह उलझन नहीं आती और समय से काम पूरा कर लिया जाता। ऐसे में आमजन को भी परेशान नहीं होना पड़ता। (mp news)
ब्रिज के लिए 20 भू-स्वामियों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना था। जिनमें से 15 लोगों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है। पांच भू-स्वामियों की रजिस्ट्री अब भी शेष हैं। जिनकी रजिस्ट्री हो चुकी है, उनकी भुगतान डिमांड विभाग को भेज दी गई है। एक अक्टूबर तक भुगतान की उमीद थी, किंतु राशि अब तक नहीं आई है। यदि शेष पांच भू-स्वामियों ने जल्द रजिस्ट्री नहीं कराई, तो भुगतान की प्रक्रिया और अधिक विलंबित हो सकता है। जिससे निर्माण कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।- आर के सिंह, सब इंजीनियर, ब्रिज कॉर्पोरेशन