Bisalpur Dam Sets New Record : सामान्यतः इस महीने में नहरों से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल भारी बारिश के कारण बांध से गेट खुले रखने पड़े हैं।
Bisalpur Dam News: राजस्थान के कई शहरों की जीवनरेखा कहे जाने वाले बीसलपुर बांध से पानी की निकासी बुधवार को एक बार फिर कम कर दी गई। हालांकि, इस साल मानसून की रिकॉर्ड तोड़ मेहरबानी के चलते बांध से पानी की निकासी का सिलसिला नवंबर माह में भी जारी है, जो अपने आप में एक नया कीर्तिमान है। बांध ने इस साल कई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि नवम्बर महीने में भी बांध के गेट खुले रखे गए हैं और पानी की निकासी जारी रही है। ऐसा बांध के निर्माण के बाद पहली बार हो सका है। ये एक नया रिकॉर्ड है।
ताजा अपडेट के अनुसार, बुधवार सुबह बांध का एक गेट एक मीटर खोलकर प्रति सेकंड 6010 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा रहा था। इससे पहले मंगलवार दोपहर 1 बजे तक दो गेटों से 18030 क्यूसेक पानी की निकासी हो रही थी। बुधवार दोपहर बांध से पानी की निकासी कम होने के कारण बांध का गेट और कम कर दिया गया।
इस साल बीसलपुर बांध ने कई पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त किए हैं। बांध के इतिहास में यह पहला मौका है जब नवंबर महीने में भी गेट खुले रखे गए हैं। इससे पहले अधिकतम 2019 में 21 अक्टूबर तक गेट खुले थे। इस बार बांध से लगातार 90 दिनों तक पानी की निकासी का नया रिकॉर्ड बना, जिसने 2019 के 64 दिन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया। सामान्यतः इस महीने में नहरों से पानी की आपूर्ति शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल भारी बारिश के कारण बांध से गेट खुले रखने पड़े हैं।
इधर गुरुवार को मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। आसमान काफी हद तक साफ है और सुबह से ही सूर्य देव के दर्शन हो रहे हैं। हल्की सर्दी महसूस की जा रही है, लेकिन मौसम विभाग के अनुसार सूर्य निकलने के साथ ही तापमान में हल्की बढ़ोतरी की संभावना है। फिलहाल आने वाले समय में बारिश की उम्मीद काफी कम है।
बांध के कंट्रोल रूम के अनुसार पानी की आवक के हिसाब से निकासी को लगातार नियंत्रित किया जा रहा है। 4 नवंबर को आवक बढ़ने पर दो गेट खोलकर 18030 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसे अब धीरे-धीरे कम किया जा रहा है। बांध अपनी पूर्ण भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर तक भरा हुआ है। जिससे जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की पेयजल आपूर्ति की चिंता दूर हो गई है। बांध से अब तक करीब 136 क्यूसेक पानी बनास नदी में छोड़ा जा चुका है।