सुबह 11 बजे तक पंचायत समिति सदस्यों के नहीं पहुंचने पर प्रधान सकराम चौपड़ा ने आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।
पंचायत समिति की साधारण सभा में जनप्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने के कारण बैठक को स्थगित कर दी गई। कुछ जनप्रतिनिधि प्रधान के चैंबर में ही बैठकर चर्चा करते रहे। बैठक में बुधवार सुबह 11 बजे तक पंचायत समिति सदस्यों के नहीं पहुंचने पर प्रधान सकराम चौपड़ा ने आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी।
पंचायत समिति उपप्रधान मूल शंकर शर्मा, रूपचंद आकोदिया, भंवरलाल मूवाल, कमला देवी गुर्जर, संतोष कंवर, शिमला चौधरी, विनोद कुमार, गुलाब गुर्जर, प्रियंका हरिजन, गोपाल गुर्जर एवं जिला परिषद सदस्य छोगा लाल गुर्जर सहित कई सरपंचों ने प्रधान को अवगत कराया कि मनरेगा एवं बीपीडीपी के प्लान में स्वीकृत किए गए कार्यों की जानकारी जनप्रतिनिधियों को नहीं दी गई। बैठक में इसका अनुमोदन कराने का प्रयास किया जाएगा। इसके चलते सभी जनप्रतिनिधियों ने बैठक में नहीं जाने का निर्णय लिया।
प्रतिलिपि उपलब्ध नहीं कराते:
जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि गत दिनों पंचायत समिति की ओर से मनरेगा एवं बीपीडीपी में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए के कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनकी प्रति जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध नहीं कराई गई एवं अन्य कई जानकारियां भी नहीं दी।
7 दिन पहले देनी चाहिए सूचना
जनप्रतिनिधियों ने बताया कि बैठक की सूचना नियमानुसार 7 दिन पूर्व दी जानी चाहिए जो नहीं दी जाती। जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि 6 अक्टूबर 2023 को हुई बैठक की प्रतिलिपि सदस्यों को नहीं दी गई। सभी जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताते हुए व्यवस्थाओं को सुधारने की बात कही। सरपंच रामस्वरूप मीणा ने विकास अधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया कि ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर मनमानी तरीके से पैसा दिया जा रहा है।