जयपुर शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर डेम की भराव क्षमता 9 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए 68 गांवों की करीब 350 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में आएगी। इसमें 25 गांव पूर्ण रूप से और 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे।
Bisalpur Dam extension project: जयपुर। जयपुर शहर की लाइफ लाइन बीसलपुर डेम की भराव क्षमता 9 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए 68 गांवों की करीब 350 हेक्टेयर जमीन डूब क्षेत्र में आएगी। इसमें 25 गांव पूर्ण रूप से और 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आएंगे। प्रभावित किसानों की जमीन का सर्वे और मुआवजा निर्धारण शुरू किया गया है। काम पूरा होने के बाद जयपुर, अजमेर और टोंक शहरों को अधिक पानी मिल सकेगा। बीसलपुर बांध में 99 मिलियन क्यूबिक मीटर अतिरिक्त जल संग्रहण की तैयारी की जा रही है।
शुरुआती सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बांध में वर्तमान क्षमता से 99 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी ज्यादा आ सकेगा। जल संसाधन विभाग ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसे पूरा होने में एक से सवा साल लगेंगे। इसी अवधि में बांध के गेट की ऊंचाई बढ़ाने का काम किया जाएगा। बांध की भराव क्षमता बढ़ने का सबसे ज्यादा फायदा जयपुर, टोंक और अजमेर जिले के लोगों को मिलेगा। यहां ज्यादा पानी आपूर्ति संभव हो सकेगी। इसके अलावा रामजल सेतु लिंक परियोजना से कनेक्ट होने पर दौसा, अलवर जिलों को भी लाभ मिलेगा।
क्षमता में बढ़ोतरी- 9 प्रतिशत
अतिरिक्त जल भराव- 99 मिलियन क्यूबिक मीटर
प्रभावित क्षेत्र- 350 हेक्टेयर
परियोजना अवधि- 1 से 1.5 वर्ष
वर्तमान स्थिति- भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू
रामजल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित ईआरसीपी) के बाद अब ब्राह्मणी नदी से भी बीसलपुर बांध में 5 हजार क्यूसेक पानी लाने की तैयारी है, जो 6 जिलों के लाखों लोगों के उपयोग में आएगा। जहां पर ब्राह्मणी नदी मध्यप्रदेश से चित्तौड़गढ़ में प्रवेश करती है। वहीं इस नदी पर भैंसरोडगढ़ क्षेत्र में 54 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता का बैराज बनेगा और यहां से लगभग 132 किलोमीटर दूरी तय करते हुए भीलवाड़ा से गुजर रही बनास नदी तक पानी लाया जाएगा।
बनास नदी से पानी बीसलपुर बांध में पहुंचेगा। इसलिए भी बांध की भराव क्षमता बढ़ाई जा रही है। यहां से पानी की आपूर्ति जयपुर, अजमेर, टोंक, सवाईमाधोपुर, दौसा व अन्य जिलों में हो सकेगी।