टोंक

Rajasthan: पति के गुजरने के 6 महीने बाद भी नहीं मिली पेंशन, 5 बेटियों की मां काट रही सरकारी दफ्तरों के चक्कर

Rajasthan News: अकेली महिला… 5 बेटियां और जिम्मेदारियों का पहाड़, लेकिन सबसे बड़ा दुख यह कि सरकार की ओर से मिलने वाली विधवा पेंशन भी उन्हें अब तक नहीं मिल रही।

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Nov 06, 2025
पेंशन। फोटो: पत्रिका

टोंक। मालपुरा उपखंड की लावा पंचायत के चौरूपुरा गांव निवासी सीमा बैरवा की जिंदगी संघर्ष की मिसाल बन चुकी। 36 वर्षीय सीमा छह महीने पहले अपने पति मुकेश को खो चुकी है। पति की मौत के बाद उनके जीवन में अंधेरा छा गया, लेकिन पांच छोटी-छोटी बेटियों की खातिर उन्होंने हार नहीं मानी। खेत नहीं है, जमीन नहीं है, बस हौसला है और मेहनत का सहारा। सीमा रोजाना मजदूरी करती है, कभी खेतों में, कभी निर्माण स्थलों पर।

दिनभर की मेहनत से जो कुछ मिलता है, उसी से बेटियों का पेट भरती हैं। ससुर का भी निधन हो चुका है, यानी घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं बचा। एक अकेली महिला, पांच बेटियां और जिम्मेदारियों का पहाड़। लेकिन सबसे बड़ा दुख यह कि सरकार की ओर से मिलने वाली विधवा पेंशन भी उन्हें अब तक नहीं मिल रही।

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कागजों में फंसी जिंदगी

दरअसल, जनाधार कार्ड में अब भी उनके दिवंगत ससुर का नाम दर्ज है। विभागीय प्रक्रिया में यह एक ‘तकनीकी बाधा’ बन गई है। सीमा ने कई बार 23 किलोमीटर दूर उपखंड मुख्यालय पर सामाजिक न्याय विभाग के चक्कर लगाए, लेकिन हर बार उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि पहले जनाधार अपडेट करवाओ। आखिर उसने यह प्रक्रिया भी जैसे तैसे पूरी करवाई, लेकिन अब तक उसे किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है। सीमा अपनी पांच बेटियों को जैसे तैसे पढ़ा रही है। विधवा पेंशन मिले तो जीवनयापन में कुछ मदद मिल सकेगी।

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