भारतीय डाक सेवा को निजी ट्रांसपोर्टरों के हाथों में सौंपने से पोस्ट की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं। वहीं देरी और नुकसान से विभाग की छवि खराब हो रही है।
उदयपुर। राजस्थान सहित कई राज्यों में डाक विभाग ने रेल डाक सेवा को बंद कर निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियों से डाक परिवहन कराने की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन अब इससे पार्सल पहुंचने में देरी और हादसों के मामले सामने आ रहे हैं। 2 दिसंबर को अहमदाबाद से दिल्ली जा रहे 580 डाक पार्सलों से भरे ट्रक में अजमेर जिले के राजगढ़ के पास आग लग गई, जिससे करीब 249 पार्सल जलकर खाक हो गए।
हादसे के बाद पार्सल की जब निगरानी की गई तो 337 सुरक्षित मिले। इस हादसे के बाद डाक विभाग की मौजूदा परिवहन व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पहले डाक का परिवहन रेल सेवा से होता था, जो न केवल समय पर गंतव्य तक पहुंचता था, बल्कि सुरक्षित भी रहता था। अब जब से यह जिम्मेदारी निजी ट्रांसपोर्ट कंपनियों को सौंपी गई है, डाक की सुरक्षा और समय पर डिलीवरी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
आग लगने के बाद अजमेर डाक विभाग की आरएमएस टीम मौके पर पहुंची और जलकर क्षतिग्रस्त पार्सलों को रातोंरात अपने कब्जे में लेकर सुरक्षित स्थान पर रखा। लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि इस घटना पर अब तक कोई एफआइआर दर्ज नहीं करवाई गई है, जबकि अनुमान के मुताबिक पार्सलों की कीमत लाखों में थी।
इसी दौरान, पार्सल ले जाने वाले ट्रक पर अनधिकृत रूप से 'भारत सरकार' लिखा हुआ पाया गया, जबकि वह निजी परिवहन कंपनी का वाहन था। यह नियमों का गंभीर उल्लंघन है, जो सुरक्षा और संवेदनशीलता को लेकर चिंताएं पैदा करता है। इस घटना को लेकर विभाग ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जबकि मामले की जांच जारी है।
'249 पार्सल के बारे में अहमदाबाद सूचना दे दी है। इस संबंध में मालिक ने मांगलियावास थाने में परिवाद दिया है। आग के कारणों का पता नहीं चला, गाड़ी गर्म होने या पार्सल में कोई ज्वलनशील पदार्थ से आग लग सकती है। मामले की अभी जांच चल रही है।' -गोविंद वैष्णव, अधीक्षक रेल डाक सेवा, अजमेर मंडल