
प्रवासी राजस्थानी दिवस का आगाज (फोटो- पत्रिका)
Pravasi Rajasthani Divas: राजधानी जयपुर में आज पहले प्रवासी राजस्थानी दिवस का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया। आयोजन के शुभारंभ के साथ ही एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग शुरू हुई, जो राजस्थान में औद्योगिक विकास की नई राह खोलने वाला कदम माना जा रहा है।
इस मौके पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासी राजस्थानियों से आह्वान किया कि वे राजस्थान के ब्रांड एंबेसडर बनकर राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं। गोयल ने कहा कि दुनियाभर में एक करोड़ से अधिक प्रवासी राजस्थानी रहते हैं और यदि हर व्यक्ति अपने गांव व क्षेत्र के विकास में योगदान दे व राज्य में निवेश को बढ़ावा दे तो राजस्थान को देश में नंबर एक बनने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार राजस्थान के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है। साथ ही कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दो वर्षों में नवाचारों के जरिए लोगों व निवेशकों को जोड़ने की महत्वपूर्ण पहल की है। गोयल ने बताया कि राइजिंग राजस्थान में हुए 35 लाख करोड़ रुपए के एमओयू में से लगभग एक चौथाई निवेश अब जमीन पर उतर चुका है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति का संकेत है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने प्रवासी राजस्थानी दिवस पर दुनिया भर में बसे राजस्थानियों के योगदान को सराहते हुए कहा, विश्व के हर कोने में एक सफल राजस्थानी अवश्य मिलता है, जो न सिर्फ अपनी मेहनत और लगन से पहचान बनाता है, बल्कि भारत का नाम भी रोशन करता है।
उन्होंने बताया कि आज एक करोड़ से अधिक प्रवासी राजस्थानी विदेशों में रहते हैं, जो जहां भी गए वहां समाज, व्यापार और रिश्तों के जरिए सम्मान हासिल किया। गोयल ने प्रसिद्ध कहावत “जहां ना पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी” का उल्लेख करते हुए कहा, आप सभी ने इस कहावत को अपने काम और सफलता से सही साबित किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थानियों ने कभी किसी चुनौती के आगे सिर नहीं झुकाया। विपरीत परिस्थितियों में भी मेहनत, जिद और कर्मठता ने उन्हें आगे बढ़ाया और वैश्विक मंच पर अलग पहचान दिलाई।
निवेश और व्यापार के संदर्भ में विश्वास को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए गोयल ने कहा, राजस्थानियों की सबसे बड़ी ताकत उनकी विश्वसनीयता है। उन्होंने कहा, राजस्थान के लोग भरोसे के प्रतीक हैं। वे जो वादा करते हैं, उसे निभाते हैं। यही डिपेंडेबिलिटी हर रिश्ते और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि यह भरोसा और समर्पण ही वह पूंजी है, जिस पर देश और दुनिया राजस्थान के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं।
इससे पहले कार्यक्रम का आगाज उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के स्वागत संबोधन से हुआ। मंच से उन्होंने कहा, जहां मातृभूमि है, वहीं घर है। परंपरा, प्रगति और अपनेपन की धरती राजस्थान आपके स्वागत के लिए तैयार है।उन्होंने बताया कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ईज ऑफ बिजनेस को सरल बनाया गया है, नए औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार किया गया है। साथ ही कई पुराने जटिल कानून समाप्त कर दिए गए हैं।
वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, आज भारत में आने वाला हर बड़ा निवेशक राजस्थान को अपनी प्राथमिक पसंद के रूप में देखने लगा है। उन्होंने बताया कि पांच दशक पहले किसी को अंदाजा नहीं था कि राजस्थान की धरती के नीचे इतनी बड़ी मात्रा में खनिजों का वैश्विक भंडार छिपा है।
पंजाब के उदाहरण का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, जैसे पंजाब पूरे देश का पेट भरता है, उसी तरह राजस्थान में पूरी दुनिया की जरूरत के खनिज उपलब्ध कराने की क्षमता है। अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि अब राज्य में खनन गतिविधियों को विस्तार देने का सही समय है, क्योंकि यहां जितने विविध खनन क्षेत्र (पैचेज) मौजूद हैं, वैसा भूगोल दुनिया में कहीं और नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की भूमिगत संपदा इतनी विशाल है कि इस पर वे पूरी रात चर्चा कर सकते हैं। प्रदेश में खनिजों के 40 अनोखे पठार हैं, जो दुनिया में किसी और जगह नहीं पाए जाते। अग्रवाल ने बताया कि वेदांता समूह राज्य में एक इंडस्ट्रियल पार्क शुरू करने जा रहा है, जहां दो करोड़ से 200 करोड़ रुपए तक की इकाइयां स्थापित की जा सकेंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यकाल में व्यापार और उद्योग के लिए माहौल पहले की तुलना में काफी सुगम हुआ है। वेदांता अब तक प्रदेश के राजकोष में तीन लाख करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा करा चुका है। अग्रवाल ने कहा कि उनका सपना है कि राजस्थान में देश का सबसे बड़ा फर्टिलाइजर प्लांट स्थापित हो। साथ ही उन्होंने आग्रह किया कि प्रदेश में चोप स्टेडियम का निर्माण कार्य जल्द गति पकड़े।
कार्यक्रम में एक विशेष फिल्म ‘जहां न पहुंचे बैलगाड़ी, वहां पहुंचे मारवाड़ी’ दिखाई गई। इसमें दर्शाया गया कि किस तरह मारवाड़ी व्यापारियों ने देश-दुनिया में अपनी पहचान और सफलता की अनूठी मिसाल पेश की। प्रवासी राजस्थानियों के बीच यह फिल्म आकर्षण का केंद्र रही।
कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की समृद्धि की कामना की। जेईसीसी परिसर में ‘प्रगति पथ’ थीम पर आधारित प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें राज्य सरकार की उपलब्धियों, योजनाओं और विकास यात्रा को दर्शाती फिल्में और पैनल प्रदर्शित किए गए। इसका उद्देश्य प्रवासी राजस्थानियों को राज्य की प्रगति से सीधे जोड़ना था ताकि वे ‘बढ़ता राजस्थान-हमारा राजस्थान’ की भावना के साथ लौटें।
इस अवसर पर वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल तथा टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी प्रवीर सिन्हा ने भी उद्बोधन दिया। राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, पीयूष गोयल, भूपेंद्र यादव और जयंत चौधरी की उपस्थिति ने आयोजन को और महत्व दिया।
कार्यक्रम में विश्वभर के 26 राजस्थान चैप्टर के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें जर्मनी, कतर, जापान, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और अन्य देशों के प्रतिनिधि थे। देश के विभिन्न चैप्टर दिल्ली, मुंबई, इंदौर, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और सूरत से आए प्रवासी राजस्थानियों ने भी राज्य में निवेश के अवसरों पर रुचि जताई।
इस आयोजन में 13 नई नीतियों की लॉन्चिंग की गई, जिनमें शामिल हैं उद्योग, प्रमोशन एवं ट्रेड, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC), पर्यटन नीति, प्रवासी राजस्थानी नीति, एआई और मशीन लर्निंग, स्पेस एवं एयरो-डिफेंस, ग्रीन ग्रोथ क्रेडिट नीति, कृषि एवं फूड प्रोसेसिंग, आईटी आउटसोर्सिंग, फॉरेस्ट एवं एग्रोफॉरेस्ट्री, खेल नीति और व्हीकल स्क्रैप नीति। इन नीतियों से राज्य में रोजगार, अनुसंधान, तकनीक, स्टार्टअप और औद्योगिक निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
Updated on:
10 Dec 2025 02:14 pm
Published on:
10 Dec 2025 12:02 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
