उदयपुर

Rajasthan: जन्माष्टमी पर समुदाय विशेष के व्यक्ति को मिला प्रसाद का ठेका, बवाल मचने पर आदेश निरस्त

Rajasthan News: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उदयपुर के मंदिरों में साज-सज्जा और भोग-प्रसाद की व्यवस्था को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।

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Aug 16, 2025
फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर उदयपुर के मंदिरों में साज-सज्जा और भोग-प्रसाद की व्यवस्था को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। राजस्थान सरकार के देवस्थान विभाग ने प्रारंभ में सभी विभागीय मंदिरों की साज-सज्जा और प्रसाद व्यवस्था का ठेका ‘दिवानाशाह लाइट-एंड डेकोरेशन’ नामक फर्म को सौंपा था। इसमें श्री जगदीश मंदिर भी शामिल है।

बता दें, इस फर्म के मालिक अब्दुल सलाम हैं, जिसके कारण इस निर्णय पर हिन्दू समुदाय के लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध शुरू कर दिया। व्यापक विरोध और सोशल मीडिया पर वायरल हुए आदेश के बाद, देवस्थान विभाग ने 11 अगस्त 2025 को जारी अपने आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।

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अपरिहार्य कारणों से किया रद्द

देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी नए नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि अपरिहार्य कारणों से पूर्व में जारी आदेश को रद्द किया जा रहा है। इस नोटिस ने साफ कर दिया कि अब्दुल सलाम की फर्म को मंदिरों की साज-सज्जा और प्रसाद व्यवस्था का ठेका नहीं दिया जाएगा। 11 अगस्त को जारी आदेश के बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया था।

दरअसल, स्थानीय लोगों और कुछ संगठनों ने सवाल उठाया कि राजस्थान सरकार ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे महत्वपूर्ण हिंदू पर्व के लिए मंदिरों की व्यवस्था का ठेका एक गैर-हिंदू फर्म को क्यों सौंपा। सोशल मीडिया पर इस निर्णय की आलोचना हुई और कई लोगों ने इसे धार्मिक संवेदनशीलता के खिलाफ बताया। कुछ ने तो इसे सरकारी लापरवाही का परिणाम करार दिया, जबकि कुछ ने इस पर राजनीतिक रंग चढ़ाने की कोशिश की।

वजहों का खुलासा नहीं किया गया

विवाद बढ़ने के बाद देवस्थान विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आदेश को वापस ले लिया। विभाग ने अपने बयान में कहा कि यह निर्णय अपरिहार्य कारणों से लिया गया है, हालांकि इसकी विस्तृत वजहों का खुलासा नहीं किया गया। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में स्थानीय स्तर पर दबाव और जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।

बता दें, उदयपुर के श्री जगदीश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में जन्माष्टमी का पर्व भव्यता के साथ मनाया जाता है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। मंदिरों की सजावट, भोग और प्रसाद की व्यवस्था इस उत्सव का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इसलिए, इस तरह के ठेके से जुड़े निर्णयों पर स्थानीय समुदाय की नजर रहती है।

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Published on:
16 Aug 2025 01:44 pm
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