राजस्थान पत्रिका की खबर का असर। रुण्डेड़ा से जोहड़ा बावजी तक के 13 किमी लंबे खस्ताहाल मार्ग को अब केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के तहत 19.50 करोड़ रुपए की लागत की मंजूरी मिल चुकी है।
रूण्डेड़ा। वल्लभनगर और फतहनगर तहसील को जोड़ने वाली वर्षों से उपेक्षित सड़क आखिरकार विकास की राह पर लौट रही है। रुण्डेड़ा से जोहड़ा बावजी तक के 13 किमी लंबे खस्ताहाल मार्ग को अब केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि (CRIF) के तहत 19.50 करोड़ रुपए की लागत की मंजूरी मिल चुकी है। सड़क निर्माण से न सिर्फ ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी, बल्कि दो महत्वपूर्ण तहसीलों के बीच सुगम आवागमन सुनिश्चित होगा। यह मार्ग नेशनल हाईवे 48 मेनार, रुण्डेड़ा, ईंटाली, बड़गांव और फतेहनगर जैसे दर्जनों गांवों को जोड़ता है, कृषि व्यापार से लेकर दैनिक परिवहन तक का प्रमुख माध्यम है।
ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की ओर से लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी कि रुण्डेड़ा बगरू चौराहा से ईंटाली होते हुए जोहड़ा बावजी तक का यह हिस्सा अत्यंत जर्जर है। बरसात के दिनों में यह मार्ग कीचड़ और जलभराव से चलने योग्य भी नहीं रहता था। कई बार वाहन बीच रास्ते में फंस जाते और स्कूली बच्चों, किसानों व मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता था।
चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी के निरंतर प्रयासों से यह सड़क अब केंद्रीय स्वीकृति की सूची में शामिल की गई। अब 13 किमी सड़क को सीआरआइएफ के तहत स्वीकृति मिल चुकी है। जल्द ही निर्माण शुरू होगा।
मार्ग की बदहाली को "दो तहसीलों के बीच अटकी सड़क, खस्ताहाल रास्ते से गुजरना चुनौती" शीर्षक से राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। समाचार में बताया था कि कैसे ग्रामीणों को रोजमर्रा की जिंदगी में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस रिपोर्ट का असर हुआ और स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की सक्रियता भी बढ़ी। यही कारण रहा कि यह प्रकरण मंत्रालय तक पहुंचा और स्वीकृति में तेजी आई।
सड़क निर्माण के बाद रुण्डेड़ा से फतेहनगर धानमंडी तक का सीधा संपर्क हो जाएगा। वहीं कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य व व्यापारिक गतिविधियों में भी वृद्धि संभव होगी। खासकर ग्रामीण किसानों और विद्यार्थियों को सीधा लाभ मिलेगा।
सेंट्रल रोड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत राज्य सरकारों को प्रमुख ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी सड़कों के निर्माण या उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें वे सड़कें चुनी जाती हैं जो किसी क्षेत्र विशेष की सामाजिक, आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से जरुरी होती हैं।