उदयपुर शहर से मात्र 15 किमी दूर बाघदड़ा कंजर्वेशन रिजर्व है। बाघदड़ा में मगरमच्छ आकर्षण का केंद्र हैं। वन विभाग पर्यटकों के लिए इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया है।
उदयपुर शहर से मात्र 15 किमी दूर बाघदड़ा कंजर्वेशन रिजर्व है। यह लेकसिटी के टूरिज्म में नए आकर्षण के रूप में उभरने को तैयार है। बाघदड़ा में मगरमच्छ आकर्षण का केंद्र हैं। मगरमच्छ संरक्षण के लिए कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने के साथ ही वन विभाग ने इस क्षेत्र को इको टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करना शुरू कर दिया है। इसके पहले चरण में अलग-अलग मदों से 92 लाख रुपए के विकास कार्य जारी है, जबकि आने वाले समय में हिंदुस्तान जिंक के सहयोग से भी कई काम प्रस्तावित हैं। बाघदड़ा के जंगल को 30 नवबर 2022 को मगरमच्छ संरक्षण के लिए कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किया गया था। यहां करीब चार से पांच हेक्टेयर में फैले बाघदड़ा तालाब में फिलहाल 30 से 40 मगरमच्छ हैं। वहीं 374 हेक्टेयर के जंगल में 3-4 पैंथर सहित कई तरह के वन्यजीव मौजूद हैं।
यहां से उदयसागर झील का नजारा दिखाई देता है। यहां नाबार्ड के सहयोग से करीब 20 लाख की लागत से तीन एनिकट एवं 15 चेकडेम बनाए जा रहे हैं, ताकि बरसाती नाले के पानी को संग्रहित रखा जा सके। इनमें प्रत्येक एनिकट की लागत करीब पांच लाख है, जबकि 4.65 लाख में पंद्रह चेक डेम तैयार होंगे। वहीं डीएमएफटी से स्वीकृत 62 लाख रुपए से प्लांटेशन समेत अन्य कार्य करवाए जाएंगे। जबकि वन विभाग अपने स्तर पर दस लाख रुपए खर्च कर पेट्रोलिंग ट्रेक तैयार करवा रहा है।
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बाघदड़ा में सूखा क्षेत्र होने से अलग-अलग प्रजातियों के वृक्ष लगाने की भरपूर संभावनाएं हैं। इसमें वीड की जगह बड़ी संख्या में बांस लगाने की तैयारी है। वहीं शाकाहारी जीवों के लिए सेहरण व हरण घास लगाई जा रही है। इसके अलावा खाली स्थानों पर बड़, पीपल, गूलर, जामुन, बहेड़ा, आंवला, अर्जुन, पलाश, खिरनी, बेलपत्र नीम आदि के पौधे लगाए जाएंगे।
● मगरमच्छ साइटिंग
● पैंथर साइटिंग
● बर्ड वाचिंग
● राइपेरियन पट्टी अवलोकन
● कड़ाया कुंज
● रोप स्लाइडिंग
● बैक वाटर मार्श
● कैप साइट
● नेचर ट्रेल
● व्यू पाइंट
● जनाना ओदी
● लीलकी ओदी
● भाटा वाली ओदी
● प्राकृतिक फर्न आवास।
प्रदेश में जैव विविधता एवं वन्यजीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए 36 कंजर्वेशन रिजर्व बनाए गए हैं। इनमें से 3 उदयपुर जिले में हैं। इनमें बाघदड़ा मगरमच्छ के लिए, अमरख जी पैंथर के लिए एवं बड़ी झील महासीर मछली के लिए संरक्षण के लिए कंजर्वेशन रिजर्व घोषित किए गए हैं।
● डीएमएफटी - 62 लाख
● नाबार्ड - 20 लाख
● वन विभाग - 10 लाख
बाघदड़ा तालाब को मगरमच्छ का प्राकृतिक आवास माना गया है। इस समय तालाब में 30 से 40 मगरमच्छ बताए गए हैं। इनकी संख्या ओर बढ़ाने और प्रजनन के लिए तालाब किनारों पर रेती डलवाने सहित विशेषज्ञों की राय से अनुकूल वातावरण तैयार करने की योजना है।
उपवन संरक्षक (वन्यजीव) देवेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि बाघदडा के कंजर्वेशन रिजर्व घोषित होने के बाद इसके विकास व यहां इको टूरिज्म गतिविधियां बढ़ाने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत कार्य शुरू कर दिए हैं। जल्द ही यह उदयपुर में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
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