सलूंबर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवाए एक महिला के शव को चूहों ने नोच दिया। महिला की इलाज के दौरान मौत होने पर शव को मॉर्चुरी में रखा गया था। दूसरे दिन जब परिजन उसके शव को लेकर पहुंचे तो उसे देखकर हैरान रह गए।
सलूंबर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवाए एक महिला के शव को चूहों ने नोच दिया। महिला की इलाज के दौरान मौत होने पर शव को मॉर्चुरी में रखा गया था। दूसरे दिन जब परिजन उसके शव को लेकर पहुंचे तो उसे देखकर हैरान रह गए। मामला सेमारी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है।
सेमारी पुलिस थाने की सूचना के अनुसार मृतक महिला के पति डूंगरलाल ने रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया कि 9 अक्टूबर को उसकी पत्नी नर्बदा (32) खेत में दवाई का छिड़काव कर रही थी, जिसके बाद वह बेहोश हो गई, उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों ने शव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखवा दिया। दूसरे दिन जब परिवार के सदस्य महिला का शव लेने अस्पताल गए,तो देखा कि शव को चूहों ने नोच रखा था। क्षत विक्षत शव को देखकर परिजनों और गांव के सरपंच ने विरोध जताया।
सेमारी सीएचसी के डॉ. सतीश खराड़ी ने बताया कि इस सीएचसी में मॉर्च्युरी नहीं है। हमने पहले भी पुलिस को लिखित में दिया था कि यहां पर मॉर्च्युरी नहीं है, ऐसे में किसी भी हादसे में किसी की मौत के बाद उनके शव यहां नहीं रखवाए जाए। वहीं उन्होंने कहा कि शव का पोस्टमॉर्टम करने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाता है, लेकिन कई परिजन यहां से शव को नहीं ले जाते हैं।
घोडासर पंचायत समिति सरपंच राजेंद्र कुमार मीणा, चंदौड़ा सरपंच लालूराम मीणा और पूर्व सरपंच कन्हैयालाल मीणा ने सलूंबर सीएमएचओ से सीएचसी के पुराने भवन की मरम्मत करवाने और मॉर्च्युरी बनवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि 30 बेड वाले इस सीएचसी में एक ही डॉक्टर हैं और उनका पीजी में सलेक्शन हो गया है और वे भी यहां जल्द ही जाने वाले हैं। मॉर्च्युरी नहीं होने से सलूंबर और सराड़ा भिजवाया जाता है लेकिन मरीज की मौत के बाद शव यहीं रख देते हैं और बाद में ऐसी स्थिति हो जाती है।