
सोने का ब्रेसलेट लौटाते हुए। फोटो- पत्रिका
उदयपुर। एक-दूसरे से अनजान दो परिवारों के बीच नया रिश्ता बना और उसमें मिठास घुल गई। एक परिवार के व्यक्ति का सोने का ब्रेसलेट गुम हो गया, जो दूसरे परिवार की बहू को मिला। दोनों परिवारों को मिलाने का जरिया राजस्थान पत्रिका बना। एक परिवार ब्रेसलेट लौटाकर खुश था, तो दूसरा परिवार ब्रेसलेट पाकर।
दरअसल, बोहरा गणेशजी क्षेत्र निवासी गोपाल अग्रवाल 5 दिसम्बर को मॉर्निंग वॉक पर सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की ओर गए थे। रास्ते में ठोकर लगी और वे गिर गए। चोट लगने पर खुद को संभालते हुए आगे बढ़े। घर लौटे तो पता चला कि हाथ में पहना डेढ़ तोला सोने का ब्रेसलेट गिर गया था। वापस जाकर खोजा, लेकिन नहीं मिला।
इधर, पारीक परिवार की बहू कविता सुबह मंदिर से लौट रही थी। रास्ते में सोने का ब्रेसलेट पड़ा देख चौंक गई। ब्रेसलेट उठाया, लेकिन किसी के ढूंढ़ते हुए आने का इंतजार करने लगी। काफी देर तक कोई नहीं आया तो घर ले आई। सास-ससुर को दिखाया तो उन्होंने भी ब्रेसलेट उसके मालिक तक पहुंचाने की ठान ली।
समाज के प्रतिनिधियों से सलाह ली, लेकिन बात नहीं बनी। आखिर राजस्थान पत्रिका पर ही भरोसा जताया और सूचना दी। राजस्थान पत्रिका के सोमवार के अंक में पेज-3 पर प्रकाशित खबर ‘डेढ़ तोला सोने का जेवर रास्ते में मिला’ छपी। खबर पढ़कर ब्रेसलेट के मालिक गोपाल अग्रवाल ने राजस्थान पत्रिका कार्यालय में संपर्क किया। पारीक परिवार ने ब्रेसलेट के मूल मालिक के ही होने की पुष्टि की और उन्हें लौटाना तय किया।
राजस्थान पत्रिका कार्यालय में सोमवार शाम दोनों परिवार मिले। सभी ने ईमानदारी का परिचय देने पर कविता पारीक की खूब सराहना की। एक-दूसरे को सोने का ब्रेसलेट सौंपते हुए दोनों परिवार बहुत खुश थे। उन्होंने इस सफलता का सेतु राजस्थान पत्रिका को बताया।
एक परिवार ने सूचना देकर और दूसरे परिवार ने सूचना पढ़कर पत्रिका के प्रति कृतज्ञता जाहिर की। कहा कि दोनों परिवार दशकों से राजस्थान पत्रिका के पाठक हैं और आज भरोसा और मजबूत हो गया। इस दौरान पारीक समाज संरक्षक डॉ. विजय पारीक, अध्यक्ष सुरेंद्र पारीक, कमलेश पारीक, डॉ. नरेंद्र पारीक, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजकुमार पारीक, दीपक पारीक, कविता पारीक, गोपाल अग्रवाल, पत्नी सुनीता अग्रवाल आदि मौजूद थे।
Published on:
08 Dec 2025 09:01 pm
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