कलक्टर नमित मेहता की देखरेख में उदयपुर ने जल संरक्षण की दिशा में 32,700 कार्य पूरे किए। इस उपलब्धि के लिए जिले को 1 करोड़ रुपए का पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार कलेक्टर की ओर से जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी ने प्राप्त किया।
उदयपुर। जल संरक्षण और जनभागीदारी को बढ़ावा देने वाले 'जल शक्ति जन भागीदारी' अभियान में शानदार प्रदर्शन करने पर उदयपुर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया। वेस्टर्न जोन की कैटेगरी-2 में उदयपुर को तीसरा स्थान मिला है। यह सम्मान मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह में दिया गया।
जल शक्ति मंत्रालय के इस अभियान का उद्देश्य जल संरक्षण की दिशा में जन भागीदारी को बढ़ाना है। इसके तहत तालाबों और पारंपरिक जलस्रोतों का पुनर्जीवन करना है।
जिले के कलक्टर नमित मेहता की देखरेख में उदयपुर ने 32,700 कार्य पूरे किए। इसी उपलब्धि के लिए जिले को 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिला। यह पुरस्कार कलेक्टर की ओर से जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिया डाबी ने प्राप्त किया।
JSJB अभियान में कुल 3,64,968 कार्य पूरे करने पर राजस्थान को देश का तीसरा सर्वश्रेष्ठ राज्य माना गया। राजस्थान के कई जिलों को भी उनके काम के आधार पर सम्मान मिला है। राजस्थान के बांसवाड़ा और बाड़मेर जिले को पहली कैटगरी में रखा गया है। बांसवाड़ा में जहां, 1,04,945 कार्य हुए हैं। वहीं बाड़मेर में 79,055 कार्य हुए हैं। दोनों जिलों को 2-2 करोड़ रुपए का राष्ट्रपति से पुरस्कार मिला।
वहीं जयपुर और उदयपुर जिले को दूसरी कैटगरी में रखा गया। जयपुर जिले में जहां, 43,204 कार्य हुए। वहीं, उदयपुर जिले में 32,700 कार्य हुए। इन दोनों जिलों को 1-1 करोड़ रुपए की राशि से सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिले- अलवर (26,867 कार्य), डूंगरपुर (9,712), बारां (9,269), चित्तौड़गढ़ (7,540), सीकर (5,761) को 25 लाख रुपए की राशि से सम्मानित किया गया है।