Udaipur News: उदयपुर शहर में ट्रैफिक लापरवाही चरम पर है। प्रमुख चौराहों पर हर तीसरा ड्राइवर मोबाइल पर बात करता दिखा, तो कई हेडफोन और ईयरबड लगाकर तेज रफ्तार में वाहन दौड़ाते नजर आए। हेलमेट, सीट बेल्ट और दिशा नियमों की भी अनदेखी आम हो गई है।
Udaipur News: उदयपुर शहर की सड़कों पर सुबह से रात तक ट्रैफिक की गहमागहमी के बीच लापरवाही की तस्वीरें खूब नजर आती हैं। ड्राइविंग सेंस मानो खत्म हो गया। राजस्थान पत्रिका टीम ने शहर के प्रमुख चौराहों और मुख्य मार्गों पर नजर रखी तो हालात चिंताजनक मिले।
हर तीसरा ड्राइवर मोबाइल पर बातचीत करता हुआ गाड़ी हांकता दिखा। किसी के हाथ में फोन, किसी के कंधे और कान के बीच फंसा मोबाइल तो कई लोग वीडियो कॉल करते हुए तेज रफ्तार वाहन दौड़ाते नजर आए। ट्रैफिक एक्सपर्ट्स बताते हैं कि गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात करना वाहन नियंत्रण को 50 प्रतिशत तक प्रभावित करता है। सड़क पर असर कहीं ज्यादा गंभीर नजर आया।
ट्रैफिक अधिकारियों का कहना है कि हम लगातार चालान कर रहे हैं। अभियान भी चल रहे हैं, पर जब तक लोगों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरुकता नहीं आएगी। हादसों में कमी की उम्मीद मुश्किल है।
राजमार्ग से लेकर शहर के भीतर तक, युवा बाइक सवार हेडफोन और ईयरबड लगाकर ड्राइविंग करते नजर आए। गाने सुनते समय पीछे से हॉर्न न सुन पाना, पीछे से आती गाड़ियां महसूस न करना, यह सब मौत को निमंत्रण देने जैसा है। कई मामलों में सामने से आने वाले वाहन का अंदाजा न होने से हादसे आम होते जा रहे हैं।
हेलमेट का उपयोग न करने वाले बाइक सवार आसानी से दिख जाते हैं। कई कार चालक सीट बेल्ट को औपचारिकता मानकर पीछे छोड़ देते हैं। गलत दिशा में वाहन ले जाने वाले चालकों की संख्या भी कम नहीं।
सड़क पर चलना अब जोखिम जैसा हो गया है। ज्यादातर बाइक सवार मोबाइल या हेडफोन में डूबे रहते हैं। हॉर्न भी नहीं सुनते और अचानक सामने आ जाते हैं। यात्रियों के लिए सफर असुरक्षित होता जा रहा है। -सोनाली परमार, कॉलेज स्टूडेंट
सड़क पर बेपरवाही बढ़ती जा रही है। लोग फोन पर बात करते हुए, हेडफोन लगाकर गाड़ी दौड़ाते हैं। दुर्घटनाएं रोज की खबर बन चुकी हैं। जब तक ड्राइविंग सेंस और जिम्मेदारी नहीं आएगी, हादसों में कमी आना मुश्किल है। -कैलाश सोनी, दुकानदार
वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने वाले लोग न केवल अन्य वाहन चालकों के लिए, बल्कि अपने लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। सभी चालकों को चाहिए कि वे ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुक रहें और सुरक्षित तरीके से वाहन चलाएं, ताकि किसी को भी दुर्घटना का शिकार न होना पड़े। -अशोक आंजना, डिप्टी ट्रैफिक उदयपुर