Mahakal Temple Ujjain: देशभर में चर्चित महाकाल मंदिर में भक्तों के साथ फ्रॉड का खुलासा दिसंबर 2024 में हुआ था। उस समय बच निकले तत्कालिन अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसने को पुलिस ने केस की फाइल फिर खोली है।
Mahakal Temple Ujjain: देशभर में चर्चित उज्जैन महाकाल मंदिर में भक्तों के साथ फ्रॉड का खुलासा दिसंबर 2024 में हुआ था। उस समय बच निकले तत्कालिन अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कसने को पुलिस ने केस की फाइल फिर खोली है। ज्ञात रहे पुलिस ने मंदिर कर्मचारी, सिक्यूरिटी गार्ड और मीडिया कर्मियों सहित 14 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किए। भक्तों को नजदीक से दर्शन के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं।
भक्तो से फ्रॉड के मामले फिर शुरू हुई जांच में वे अधिकारी और कर्मचारी दायरे में है, जो गबन कांड के दौरान कार्यरत थे। इनके कुछ सबूत मंदिर प्रशासन को मिले हैं। इनके आधार पर जांच शुरू हो गई। साथ ही आगे इस तरह की गतिविधियां न हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन नए कर्मचारियों व पूर्व में बनाए गए आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। वहीं शनिवार से कोर्ट में केस की ट्रायल भी शुरू होने जा रही है।
19 दिसंबर 2024 को तत्कालीन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने नंदी हाल में उत्तर प्रदेश और गुजरात के कुछ श्रद्धालुओं को पकड़ा था। पता चला कि ये रुपए देकर नंदी हाल तक पहुंचे थे। इन्हें पुरोहित अजय शर्मा, प्रतिनिधि राजेश भट्ट उर्फ पत्ती गुरु ने रुपए लेकर अन्य कर्मचारियों के जरिए नंदी हाल तक पहुंचाया था। केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की तो कईं कर्मचारियों के मोबाइल ट्रांजेक्शन से पता चला कि इनके खातों में 25 से 30 हजार रुपए रोज के ट्रांसफर हो रहे हैं।
महाकाल पुलिस ने मामले में 90 दिन जांचकर अप्रेल में 2360 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। जिसमें 14 आरोपी शामिल थे और 42 गवाह बनाए गए थे। सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, परंतु एक के बाद एक सभी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई। एडीपीओ राजेन्द्र खाण्डेगर के अनुसार अब इस मामले में शनिवार से सुनवाई शुरू होने जा रही है।
एसपी प्रदीप शर्मा के अनुसार ईडी ने भी महाकाल में भक्तों से किए गए फ्रॉड की फाइल मांगी थी। जो अप्रेल में ईडी को भेजी है। इस मामले में ईडी भी आरोपियों से जुड़ी सपत्ति और बैंक खातों की जांच कर रही है।
इस पर सफाई कर्मचारी विनोद चौकस, दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव, जिला प्रोटोकॉल कर्मचारी अभिषेक भार्गव, सभा मंडप के दर्शन प्रभारी राजेंद्र सिसोदिया, आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, मंदिर कर्मचारी रितेश शर्मा, पूर्व नंदी हाल प्रभारी उमेश पंड्या, आउटसोर्स एजेंसी क्रिस्टल के कर्मचारी ओमप्रकाश माली, जितेंद्र सिंह पंवार, करण पंवार सहित मंदिर के कर्मचारी आशीष शर्मा, पूर्व मंदिर समिति सदस्य दीपक मित्तल, यूट्यूबर पंकज शर्मा व विजेन्द्र के खिलाफ अमानत में खयानत और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। जांच में पता चला कि आरोपियों ने पिछले दो तीन साल में ही भक्तों से करोड़ों रुपए ऐंठ लिए। इनमें से कई कर्मचारियों ने धोखाधड़ी की रकम से शहर में प्रापर्टी में इनवेस्ट किए।